एक बात तो तय है कि डोनाल्ड ट्रंप ख़ुद के फ़ायदे और 'पहले अमेरिका' की नीति के लिए कुछ भी कर सकते हैं। भारत के साथ भी उन्होंने कुछ ऐसा ही किया। मलेरिया के इलाज में इस्तेमाल होने वाली दवा हाइड्रॉक्सीक्लोरोक्वीन अमेरिका को सप्लाई नहीं करने पर ट्रंप भारत को धमकी दे रहे थे। जब भारत ने अमेरिका को दवा की सप्लाई देने को हरी झंडी दे दी तो अब वही ट्रंप तारीफ़ कर रहे हैं। आख़िर ट्रंप चाहते क्या हैं, क्या सबकुछ वैसा चले जैसा वह चाहते हैं?