कल्पना सोरेन
जेएमएम - गांडेय
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पूर्णिमा दास
बीजेपी - जमशेदपुर पूर्व
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आप सांसद संजय सिंह को आख़िरकार सुप्रीम कोर्ट से जमानत मिल गई। वह शराब नीति मामले में 6 महीने से जेल में बंद थे। यह संजय सिंह के लिए तो बड़ी राहत है ही, आम आदमी पार्टी के लिए भी बड़ी राहत है। ऐसा इसलिए कि लोकसभा चुनाव से ऐन पहले आप प्रमुख और दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल की गिरफ़्तारी के बाद आप की ताक़त को लेकर सवाल किए जाने लगे थे। आज ही आप ने प्रेस कॉन्फ्रेंस कर दावा किया है कि इसके चार अहम नेताओं- आतिशी, सौरभ भारद्वाज, दुर्गेश पाठक और राघव चड्ढा को जेल भेजने की तैयारी है। लोकसभा चुनाव से पहले आप के लिए इसे बड़ी मुश्किल हालात माना जा रहा है।
संजय सिंह दिल्ली शराब मामले में जमानत पाने वाले पहले बड़े आप नेता हैं। इसी मामले में अरविंद केजरीवाल और मनीष सिसोदिया तक जेल में बंद हैं। संजय सिंह को जमानत का मामला जब सुप्रीम कोर्ट में आया तो ईडी ने इसको चुनौती नहीं दी। इसने कहा कि विशेष परिस्थितियों में जमानत दी जा सकती है। सुप्रीम कोर्ट ने साफ़ किया कि दी गई रियायत को मिसाल नहीं माना जाएगा। इसने साफ़ किया कि संजय सिंह जमानत की अवधि के दौरान राजनीतिक गतिविधियों में शामिल होने के हकदार होंगे। हालाँकि उनको इस मामले के संबंध में कोई सार्वजनिक बयान नहीं देना चाहिए।
ईडी ने संजय सिंह के ख़िलाफ़ उत्पाद शुल्क नीति में अनियमितता से जुड़ा मनी लॉन्ड्रिंग का मामला दर्ज किया था। ईडी ने इस मामले में राज्यसभा सांसद सिंह के ख़िलाफ़ आरोप पत्र दायर किया था। उन्हें 4 अक्टूबर को उनके नॉर्थ एवेन्यू स्थित घर पर 10 घंटे की तलाशी के बाद गिरफ्तार कर लिया गया था। ईडी ने आरोप लगाया था कि संजय सिंह ने नीति के निर्माण और कार्यान्वयन में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई थी, जिससे कुछ शराब निर्माताओं, थोक विक्रेताओं और खुदरा विक्रेताओं को लाभ हुआ।
कथित शराब घोटाला केस की चार्जशीट में संजय सिंह का भी नाम है। उनको मामले में प्रमुख साजिशकर्ता बताते हुए ईडी ने अपने रिमांड आवेदन में कहा कि वह 'कई आरोपियों और संदिग्धों' से निकटता से जुड़े हुए हैं। इसी केस में दिल्ली के पूर्व उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया जेल में बंद हैं। ईडी का आरोप है कि आप की जब दूसरी बार सरकार बनी, तब उस दौरान शराब नीति को लेकर ऐसे नियम बनाए गए ताकि कुछ लोगों को विशेष तौर पर लाभ हो। जिस समय ये शराब नीति बनाई गई, उस समय मनीष सिसोदिया मंत्री थे। ईडी का दावा है कि इस घोटाले से जुड़े तार संजय सिंह से भी जुड़े हैं।
बता दें कि ईडी याानी प्रवर्तन निदेशालय के अनुसार, शराब व्यापारियों को लाइसेंस देने के लिए 2021-22 के लिए दिल्ली सरकार की उत्पाद शुल्क नीति से गुटबंदी हुई और कुछ डीलरों का पक्ष लिया गया, जिन्होंने कथित तौर पर इसके लिए रिश्वत दी थी।
बाद में इस नीति को रद्द कर दिया गया और दिल्ली के उपराज्यपाल वीके सक्सेना ने केंद्रीय जांच ब्यूरो से जांच की सिफारिश की। इसके बाद ईडी ने धन शोधन निवारण अधिनियम यानी पीएमएलए के तहत मामला दर्ज किया।
मनीष सिसोदिया को पिछले साल फरवरी में और संजय सिंह को अक्टूबर में उसी दिन गिरफ्तार कर लिया गया था जिस दिन उनसे पूछताछ की गई थी।
हाल ही में संजय सिंह ने सांसद के रूप में शपथ ली है। राज्यसभा से दोबारा चुने जाने के बाद उनको जेल से शपथ ग्रहण के लिए संसद ले जाने की अनुमति मिली थी। अदालत ने जब पहली बार उन्हें संसद जाकर शपथ लेने की इजाजत दी थी और वह संसद में पहुँचे भी थे, लेकिन राज्यसभा में उनको शपथ लेने की अनुमति नहीं मिली थी। इसको लेकर आप ने सभापति पर कई तरह के आरोप भी लगाए थे।
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