मंत्रालय के सूत्रों ने बताया कि भारत की कोविन वेबसाइट पर फिल्टर लगा दिया गया है। जिसके जरिए अब यूपी, उत्तराखंड, पंजाब, गोवा और मणिपुर में जो भी वैक्सीन लगवाने के बाद सर्टिफिकेट मिलेगा, उस पर प्रधानमंत्री की फोटो नहीं होगी। समझा जाता है कि स्वास्थ्य मंत्रालय ने चुनाव आयोग की आचार संहिता लागू होने के मद्देनजर यह कदम उठाया है। चुनाव आयोग ने पांच राज्यों के लिए मतदान की तारीख का ऐलान शनिवार को किया है। आयोग की अधिसूचना जारी होते ही आचार संहिता लागू हो जाती है।
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भारत के विपक्षी दल पहले भी वैक्सीन सर्टिफिकेट पर प्रधानमंत्री का फोटो दिए जाने पर आपत्ति प्रकट कर चुके हैं। विश्व के किसी अन्य देश में कोविड वैक्सीन के सर्टिफिकेट पर वहां के राष्ट्राध्यक्ष का फोटो नहीं है। इससे पहले कि इस मामले को कोई अदालत में उठाता, स्वास्थ्य मंत्रालय ने खुद ही पहल करके यह पहल कर दी है। पांच राज्यों में फरवरी से मार्च तक मतदान का सिलसिला चलेगा। 10 मार्च को नतीजे घोषित हो जाएंगे।इससे पहले उत्तर प्रदेश में गरीबों को सस्ता राशन बांटने के दौरान आटा और चावल की बोरी पर पीएम मोदी और सीएम योगी आदित्यनाथ का फोटो होता था। विपक्षी दलों ने उसकी भी आलोचना की थी और इसे प्रचार बताया था। विपक्ष का कहना था कि सरकार की किसी योजना में ऐसे फोटो नहीं लगाए जा सकते। लेकिन यूपी के मुख्यमंत्री ने इन आलोचनाओं पर कोई तवज्जो नहीं दी।
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देश में तमाम सरकारी योजनाओं पर प्रधानमंत्री या मुख्यमंत्री के फोटो लगाकर चुनाव में उसका लाभ लेने की घटनाएं आम हैं। हर पार्टी के शासनकाल में ऐसा होता रहा है।
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