लोकसभा चुनावों से ठीक पहले हरियाणा में नेतृत्व परिवर्तन करके हार से बचने के प्रयासों में भाजपा को बड़ी निराशा ही हाथ लगी। प्रदेश के क्षेत्रीय दल अपना आधार पूरी तरह से अपनी नीतियों और राजनीतिक सौदबाजी के कारण खो चुके हैं। अब विपक्ष से बड़ी चुनौती प्रदेश के विधानसभा चुनावों में भाजपा के सामने है। 10 साल से विपक्ष में बैठी कांग्रेस के लिए एक मौका अबकी बार बड़ी सफलता प्राप्त करने का है क्योंकि मतदाताओं में भाजपा के प्रति असंतोष और आक्रोश बड़े पैमाने पर पूरे प्रदेश में है। ग्रामीण क्षेत्रों में किसान वर्ग द्वारा भाजपा के प्रतिनिधियों के विरोध को साफ तौर पर लोकसभा चुनावों में प्रचार के दौरान देखने को मिला चुका है।