लोकसभा चुनावों से ठीक पहले हरियाणा में नेतृत्व परिवर्तन करके हार से बचने के प्रयासों में भाजपा को बड़ी निराशा ही हाथ लगी। प्रदेश के क्षेत्रीय दल अपना आधार पूरी तरह से अपनी नीतियों और राजनीतिक सौदबाजी के कारण खो चुके हैं। अब विपक्ष से बड़ी चुनौती प्रदेश के विधानसभा चुनावों में भाजपा के सामने है। 10 साल से विपक्ष में बैठी कांग्रेस के लिए एक मौका अबकी बार बड़ी सफलता प्राप्त करने का है क्योंकि मतदाताओं में भाजपा के प्रति असंतोष और आक्रोश बड़े पैमाने पर पूरे प्रदेश में है। ग्रामीण क्षेत्रों में किसान वर्ग द्वारा भाजपा के प्रतिनिधियों के विरोध को साफ तौर पर लोकसभा चुनावों में प्रचार के दौरान देखने को मिला चुका है।
हरियाणा: बीजेपी के प्रति लोगों में ग़ुस्से को क्या कांग्रेस भुना पाएगी?
- हरियाणा
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- 26 Jun, 2024

भाजपा प्रदेश में तीसरी बार अपनी सरकार बनाने के लिए जोड़तोड़ करने में मशगूल है। कांग्रेस के हुडा गुट से असंतुष्ट कई नेता पार्टी छोड़ भाजपा की ओर बढ़ गए हैं। ऐसे में विधानसभा चुनाव में किसका पलड़ा भारी रहेगा?
हरियाणा में विधानसभा चुनाव 2019 में 21 अक्टूबर को हुए थे और नतीजे 24 अक्टूबर को घोषित किये गए थे। चुनावों की अधिसूचना 27 सितंबर को लागू हुई थी। 2019 में पुलवामा की लहर के बावजूद भाजपा पूर्ण बहुमत हासिल करने में असफल रही थी। कुल मतदान 68.20% रहा था जिसमें भाजपा को 36.49 % मतों के साथ 40 सीट मिली थी। कांग्रेस को 28.08% के साथ 31 सीट, क्षेत्रीय पार्टी ईनेलो से टूट कर नयी बनी जन नायक जनता पार्टी को 14.80% मत के साथ 10 सीट, बहुजन समाज पार्टी को 4.21% कोई सीट नहीं और कभी प्रदेश की सत्ता में रही ईनेलो को केवल 2.44 % ही मत प्राप्त हुए थे जिसके चलते केवल एक सीट पर सीमित हो गई थी।