रोहतक में सुनारिया जेल के पूर्व जेल सुपरिटेंडेंट सुनील सांगवान भाजपा में शामिल हो गए। सुनारिया जेल में जब सुनील सांगवान तैनात थे तो बलात्कार और हत्या के दोषी गुरमीत राम रहीम को छह बार पैरोल या फर्लो पर रिहा किया गया था। राम रहीम के भाजपा में सीधे संबंध हैं। सुनील सांगवान चरखी दादरी से चुनाव लड़ सकते हैं।
वह पूर्व मंत्री सतपाल सांगवान के बेटे हैं, जो दो महीने पहले कांग्रेस छोड़कर भाजपा में शामिल हुए थे। समझा जाता है कि सुनील सांगवान की टिकट के लिए राम रहीम ने पैरवरी की है।
सुनील सांगवान को भाजपा में लाने में हरियाणा सरकार ने भी जल्दबाजी दिखाई। सुनील सांगवान इस समय गुड़गांव में जेल सुपरिटेंडेंट थे। सुनील सांगवान ने रविवार को वीआरएस के लिए आवेदन किया जो उसी दिन बिजली की तेजी से मंजूर कर लिया गया। सोमवार को उन्हें भाजपा में शामिल कर लिया गया। प्रदेश भाजपा अध्यक्ष ने बाकायदा प्रेस कॉन्फ्रेंस कर इसकी जानकारी दी।
वीआरएस से पहले सभी जेलों से नो ड्यूज का सर्टिफिकेट लेना होता है। हरियाणा के जेल महानिदेशक (डीजी) ने रविवार को राज्य के सभी जेल अधीक्षकों को ईमेल भेजा, जिसमें उन्हें उसी दिन सुनील सांगवान का 'नो-ड्यू' प्रमाणपत्र जारी करने का निर्देश दिया गया। डीजी के पत्र में कहा गया है: “सुनील सांगवान, अधीक्षक जेल, जिला जेल, गुरुग्राम, ने वीआरएस के लिए आवेदन किया है। इसलिए शाम 4 बजे तक सुनील सांगवान का नो ड्यूज सर्टिफिकेट हर हाल में भेज दिया जाए। हरियाणा प्रदेश अध्यक्ष का सुनील सांगवान को शामिल करते हुए बयान सुनिए। वो फरमा रहे हैं कि इन पिता-पुत्रों (सतपाल सांगवान-सुनील सांगवान) का बहुत जनाधार है, इससे भाजपा को मजबूती मिलेगी।
हरियाणा में 2019 के विधानसभा चुनाव में बीजेपी ने पहलवान बबीता फोगाट को चरखी दादरी से मैदान में उतारा था लेकिन वो हार गई थीं। बबीता फोगाट को 24,786 वोट (19.59 प्रतिशत वोट शेयर) मिले थे और वो तीसरे नंबर पर रहीं थे। सतपाल सांगवान ने जननायक जनता पार्टी (जेजेपी) के उम्मीदवार के रूप में चुनाव लड़ा और 29,577 वोट (23.38 प्रतिशत वोट शेयर) हासिल किए।
बबीता फोगाट ने आगामी हरियाणा विधानसभा चुनाव के लिए अपना अभियान शुरू कर दिया है। लेकिन अब बबीता का टिकट कट सकता है।
बबीता फोगाट का टिकट काटने की वजह विनेश फोगाट का हरियाणा में सक्रिय होना है। विनेश फोगाट पेरिस ओलंपिक से वापसी के बाद ज्यादातर विपक्षी खेमे से जुड़ी हुई हैं। उनके लौटने पर हरियाणा के दिग्गज कांग्रेस नेताओं ने उनका स्वागत किया। विनेश ने हाल ही में शंभू बॉर्डर पर बैठे किसानों से जाकर मुलाकात की और उन्हें समर्थन दिया। विनेश फोगाट के सामने बबीता फोगाट की चमक फीकी पड़ गई है। महिला पहलवानों के आंदोलन के दौरान बबीता फोगाट ने खुलकर भाजपा और सरकार का समर्थन किया था। भाजपा को लगता है कि बबीता फोगाट चरखीदादरी से फिर हार जाएंगी, इसीलिए उनकी जगह सुनील सांगवान को उतारने की तैयारी है। हालांकि बबीता फोगाट ने भी जोरशोर से अपना प्रचार शुरू कर दिया है।
सांगवान 22 वर्षों से अधिक समय से सरकारी सेवा में थे, वह 2002 में हरियाणा जेल विभाग में शामिल हुए। उन्होंने कई जेलों के अधीक्षक के रूप में कार्य किया है, जिसमें रोहतक की सुनारिया जेल भी शामिल है, जहाँ उन्होंने पाँच वर्षों तक सेवा की। यह वही जेल थी जहां डेरा सच्चा सौदा प्रमुख राम रहीम सिंह अपनी दो महिला अनुयायियों से रेप और पत्रकार राम चंद्र छत्रपति की हत्या के आरोप में सजा काट रहे थे।
वर्तमान में 21 दिनों के लिए फरलो पर जेल से बाहर, राम रहीम सिंह बार-बार पैरोल और फर्लो के लिए खबरों में रहे हैं। जिन 10 मौकों पर राम रहीम सिंह पैरोल या छुट्टी पर थे, उनमें से छह मौके तब थे जब सांगवान उस जेल के अधीक्षक थे जहां डेरा प्रमुख को हिरासत में रखा गया था।
सुनील सांगवान के पिता सतपाल सांगवान 1996 में राजनीति में प्रवेश करने से पहले दूरसंचार विभाग में उप-विभागीय अधिकारी (एसडीओ) थे। वो भी नौकरी से इस्तीफा देकर राजनीति में आए थे। उन्होंने पूर्व सीएम स्वर्गीय बंसीलाल की हरियाणा विकास पार्टी के उम्मीदवार के रूप में चरखी दादरी सीट से चुनाव लड़ा और जीत हासिल की थी। सतपाल पूर्व बंसीलाल को अपना राजनीतिक गुरु मानते थे और उनके करीबी भी थे। बंसीलाल का परिवार अब भाजपा के साथ है, और उनकी राजनीतिक विरासत को किरण चौधरी आगे बढ़ा रही हैं, जो राज्यसभा में भाजपा सदस्य हैं। सतपाल सांगवान हरियाणा जनहित पार्टी में रहे और फिर कांग्रेस में शामिल हो गए। 2014 में वो कांग्रेस टिकट पर चुनाव हार गए। 2019 में कांग्रेस ने सतपाल को टिकट नहीं दिया तो वो जेजेपी में शामिल हो गए। चरखीदादरी से जेजेपी टिकट पर भी वो चुनाव हार गए और दूसरे नंबर पर रहे। 2019 में सोमबीर सांगवान ने इस सीट से निर्दलीय के रूप में चुनाव जीता था।
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