हरियाणा प्रदेश ने स्पष्ट और सशक्त आवाज में अपना जनादेश देश के सामने रखा है। 2014 और 2019 में एकतरफा जीत हासिल करके जिस तरह सत्ताधारी भाजपा ने हरियाणा प्रदेश को हांकने की कोशिशें कीं, एकाधिकार स्थापित करने के प्रयास किये, सामाजिक विभाजन को हथियार के तौर पर इस्तेमाल किया, इन चुनावों में प्रदेश की जनता ने 10 में से 5 सीटों पर हरा कर उनके मंसूबों पर पानी फेर दिया। उन्होंने क्षेत्रीय दल ईनेलो, जजपा द्वारा प्रदेश के हितों का राजनीतिक सौदा करने की राजनीति को पूर्णतया दफन कर दिया। इन क्षेत्रीय दलों द्वारा राजनीतिक विरासत को अपनी जागीर समझ लेने के गुमान को प्रदेश की जनता ने नकार दिया। 1.74 % वोट इनेलो को मिले जबकि 0.87% वोट जजपा को मिले। अब इन दलों के अस्तित्व का ही संकट पैदा हो गया है।