ऑक्सीजन की कमी से होने वाली मौतों का सिलसिला जैसे-तैसे दिल्ली, लखनऊ में थमा तो अब गोवा में इस वजह से लोगों को जान गंवानी पड़ी है। गोवा के सरकारी मेडिकल कॉलेज में कोहराम मचा हुआ है और बीते चार दिनों में 74 मरीजों की मौत ऑक्सीजन के स्तर में कमी के कारण हो चुकी है।
शुक्रवार सुबह 2 बजे से 6 बजे के बीच 13 मरीजों की मौत हुई है। इन मौतों के पीछे कारण भी ऑक्सीजन स्तर का गिरना बताया गया है। जबकि 11 मई की सुबह 26 लोगों की मौत हुई थी और 12 मई को 20 लोगों की। गुरूवार को 15 लोगों की मौत हुई थी। इन लोगों की मौत के पीछे भी यही कारण दिया गया था। गोवा सिर्फ़ 16 लाख की आबादी वाला राज्य है तब भी वहां की सरकार हालात को संभालने में फ़ेल साबित हो रही है।
इन मौतों का संज्ञान लेते हुए बॉम्बे हाई कोर्ट की गोवा बेंच ने कहा है कि राज्य सरकार ने उन्हें बताया कि इन मौतों के पीछे ऑक्सीजन सिलेंडर से जुड़ी कुछ 'तार्किक वजहें' रहीं।
अदालत ने राज्य सरकार से कहा था कि वह इसका हल निकाले जिससे लोगों की जान को बचाया जा सके। अदालत ने यह भी कहा कि केंद्र को गोवा को उसके लिए तय ऑक्सीजन का कोटा तुरंत देना चाहिए। हाई कोर्ट ने कहा कि हमारे 12 मई के आदेश के बाद भी गोवा मेडिकल कॉलेज में मौतें हो रही हैं।
इंडिया टुडे के मुताबिक़, गोवा के मेडिकल कॉलेज में मरीजों के फर्श पर लेटे होने और मदद के लिए चिल्लाने की तसवीरें सामने आई हैं। कई अस्पतालों में बेड्स नहीं हैं और ऑक्सीजन की कमी के कारण आए दिन लोगों की मौत हो रही है।
आंध्र में मौतें
आंध्र प्रदेश के तिरूपति में बीते सोमवार की रात को ऑक्सीजन न मिलने के कारण 11 मरीजों की मौत हो गई थी। ये सभी मरीज कोरोना से संक्रमित थे। यह घटना तिरूपति के रूईया अस्पताल के आईसीयू में हुई। जबकि रविवार को हैदराबाद के एक सरकारी अस्पताल में 2 घंटे तक ऑक्सीजन की सप्लाई नहीं हुई थी और इस वजह से 7 लोगों की मौत हो गई थी हालांकि अफ़सरों ने इससे इनकार किया था।
हाई कोर्ट ने बताया था नरसंहार
इलाहाबाद हाई कोर्ट ने ऑक्सीजन की आपूर्ति नहीं होने पर कड़ा रुख अपनाते हुए कुछ दिन पहले उत्तर प्रदेश के सरकारी अधिकारियों को जोरदार फटकार लगाई थी और कहा था कि इसकी आपूर्ति नहीं करना अपराध है और यह किसी भी तरह नरसंहार से कम नहीं है।
लखनऊ और मेरठ ज़िलों में ऑक्सीजन की कमी से कुछ लोगों की मौत होने से जुड़ी खबरों पर प्रतिक्रिया जताते हुए अदालत ने यह टिप्पणी की थी और मामले में जांच का आदेश दिया था।
ऑक्सीजन की कमी के लिए लगातार आलोचनाओं का सामना कर रही केंद्र सरकार को सुप्रीम कोर्ट भी फटकार लगा चुका है। अदालत ने हाल में कहा था कि देश में ऑक्सीजन आवंटन की प्रक्रिया में पूरी तरह फेरबदल की ज़रूरत है। अदालत ने इसे लेकर नेशनल टास्क फोर्स का गठन किया था।
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