दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने 2022 में होने वाले कई राज्यों के चुनाव में ‘मुफ़्त बिजली’ के दांव को अपना ब्रह्मास्त्र बनाया है। पंजाब के बाद केजरीवाल ने कुछ दिन पहले उत्तराखंड में भी 300 यूनिट तक ‘मुफ़्त बिजली’ का वादा किया तो बुधवार को गोवा में भी उन्होंने इस ब्राह्मस्त्र को चला दिया। इन सभी राज्यों में सात महीने बाद विधानसभा के चुनाव होने हैं और आम आदमी पार्टी ने इन राज्यों में जीत के लिए इस बार पूरा जोर लगा दिया है।
केजरीवाल एलान कर चुके हैं कि उनकी पार्टी उत्तर प्रदेश, गुजरात और हिमाचल प्रदेश में भी चुनाव लड़ेगी। गुजरात और हिमाचल में 2022 के अंत में चुनाव होने हैं। केजरीवाल ने कहा कि अगर उनकी पार्टी की सरकार बनी तो हर परिवार को हर महीने 300 यूनिट बिजली मुफ़्त दी जाएगी। इसके अलावा पुराने बिल माफ़ कर दिए जाएंगे और बिना कोई पावर कट लगे 24 घंटे बिजली देंगे। उन्होंने एलान किया कि किसानों को यहां खेती के लिए मुफ़्त बिजली दी जाएगी।
कांग्रेस पर बोला हमला
केजरीवाल ने गोवा में पत्रकारों से बात करते हुए कांग्रेस पर भी हमला बोला और कहा कि गोवा में कांग्रेस के 10 विधायक बीजेपी में शामिल हो गए थे। उन्होंने कहा कि कांग्रेस के साथ मध्य प्रदेश और कर्नाटक में भी यही हुआ।
आम आदमी पार्टी ऐसे पोस्टर जारी कर चुकी है जिनमें कहा गया था कि कांग्रेस को वोट देना बीजेपी को वोट देने जैसा है। इस बात को केजरीवाल ने गोवा में भी कहा है। उन्होंने कहा कि उनकी पार्टी गोवा में पूरी ताक़त के साथ चुनाव लड़ेगी।
धवलिकर से की मुलाक़ात
केजरीवाल ने महाराष्ट्रवादी गोमांतक पार्टी के मुखिया सुदीन धवलिकर से मंगलवार को मुलाक़ात की है। माना जा रहा है कि वह गोवा चुनाव के लिए धवलिकर की पार्टी के साथ गठबंधन कर सकते हैं। धवलिकर कह चुके हैं कि उनकी पार्टी बीजेपी या कांग्रेस के साथ गठबंधन करने की इच्छुक नहीं है। केजरीवाल ने गोवा दौरे के दौरान पार्टी के कई नेताओं से भी मुलाक़ात की और चुनावी रणनीति का खाका खींचा।
‘बिजली हाफ़, पानी माफ़’ का नारा
2013, दिसंबर में हुए दिल्ली के विधानसभा चुनाव से पहले ही केजरीवाल ने बिजली कंपनियों और तत्कालीन मुख्यमंत्री शीला दीक्षित के ख़िलाफ़ मोर्चा खोल दिया था। केजरीवाल ने लोगों से कहा था कि वे बिजली और पानी के बिल भरना बंद कर दें। उन दिनों केजरीवाल बिल जमा न करने की वजह से काटे गए बिजली के कनेक्शन को जोड़ने के लिए खंभे पर चढ़ जाते थे और उनके इस काम ने उन्हें लोगों के बीच काफी लोकप्रिय बना दिया था।
पिछली बार नहीं मिली थी कामयाबी
मार्च, 2017 में गोवा के विधानसभा चुनाव में आम आदमी पार्टी जोर-शोर से उतरी थी लेकिन वह एक भी सीट नहीं जीत सकी थी। उसके मुख्यमंत्री पद के उम्मीदवार पूर्व नौकरशाह एल्विस गोम्स तक चौथे नंबर पर रहे थे। यह हाल तब हुआ था जब केजरीवाल ने गोवा में ख़ूब पसीना बहाया था। 40 सीटों वाले गोवा राज्य में पार्टी 39 पर चुनाव लड़ी थी लेकिन 38 सीटों पर उसकी जमानत जब्त हो गयी थी।
इस बार केजरीवाल फिर से गोवा में ताक़त झोंकने जा रहे हैं, देखना होगा कि राज्य के लोग उन पर कितना भरोसा करते हैं।
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