राष्ट्रीय अपराध रिकॉर्ड ब्यूरो या एनसीआरबी ने अपनी 2022 की रिपोर्ट रविवार 3 दिसंबर को सार्वजनिक की है। भारत में अपराध 2022 नाम से जारी इस रिपोर्ट में कहा गया है कि महिलाओं के खिलाफ देश में वर्ष 2022 में अपराध के 4,45,256 मामले दर्ज किए गये हैं। यह 2021 के मुकाबले 4 प्रतिशत अधिक है।
महिलाओं के खिलाफ होने वाले अपराधों में ज्यादातर केस पति या उसके रिश्तेदारों द्वारा क्रूरता के मामले हैं। इसमें बलात्कार के 7.1 प्रतिशत मामले हैं।
एनसीआरबी के आंकड़े कहते हैं कि महिलाओं के खिलाफ होने वाले अपराधों से जुड़ी एफआईआर की दर के मामले में 2022 में दिल्ली देश में सबसे शीर्ष पर रही है। इस वर्ष दिल्ली में प्रति लाख आबादी पर 144.4 की दर से 14,247 केस दर्ज किए गए हैं। यह राष्ट्रीय औसत 66.4 से काफी अधिक है।
महिलाओं के खिलाफ होने वाले अपराध के केसों की दर में दिल्ली के बाद दूसरे स्थान पर हरियाणा 118.7 प्रतिशत के साथ दूसरे स्थान पर, तेलंगाना 117 प्रतिशत दर के साथ तीसरे, राजस्थान 115.1 प्रतिशत के साथ चौथे और ओडिशा 103 प्रतिशत के साथ पांचवे स्थान पर है। यह दर प्रति एक लाख की आबादी के आधार पर है।
एनसीआरबी का आंकड़ा बताता है कि 2022 में महिलाओं के खिलाफ होने वाले अपराध के मामले में सबसे अधिक एफआईआर उत्तर प्रदेश में दर्ज की गई है जिसकी संख्या 65,743 रही है। इसके बाद दूसरे स्थान पर महाराष्ट्र रहा है जहां 2022 में 45,331 एफआईआर दर्ज हुई थी। इस वर्ष तीसरे स्थान पर 45,058 एफआईआर के साथ राजस्थान रहा है।
केंद्रीय गृह मंत्रालय के तहत कार्यरत एनसीआरबी के ये ताजा आंकड़े बताते हैं देश में 2022 में महिलाओं के खिलाफ अपराध को लेकर हर घंटे 51 एफआईआर दर्ज की गई है। देश में इस वर्ष प्रति एक लाख की आबादी पर महिलाओं के विरुद्ध होने वाले अपराध की दर 66.4 प्रतिशत रही है।
यह रिपोर्ट बताती है कि महिलाओं के खिलाफ देश में होने वाले अपराधों में चार्जशीट दायर करने की दर 75.8 प्रतिशत रही है।
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2022 में, कुल 58,24,946 संज्ञेय अपराध दर्ज किए
इंडियन एक्सप्रेस की रिपोर्ट कहती है कि केंद्रीय गृह मंत्रालय के तहत काम करने वाले एनसीआरबी की रिपोर्ट में महिलाओं के खिलाफ अपराध से लेकर आर्थिक और वित्तीय अपराधों तक के आंकड़े शामिल हैं।एनसीआरबी के अपराध से जुड़े आंकड़ों वाली रिपोर्ट 36 राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों के पुलिस बलों से जानकारी प्राप्त की जाती है।
यह एफआईआर स्थानीय पुलिस स्टेशन के स्तर पर राज्य और केंद्रशासित प्रदेश पुलिस द्वारा दर्ज की जाती है। यह जिला और राज्य के स्तर पर और अंत में एनसीआरबी द्वारा मान्य की जाती है।
यह डेटा सभी तरह के अपराधों की जानकारी देता है। इसमें महिलाओं, अनुसूचित जाति (एससी) और अनुसूचित जनजाति (एसटी), साइबर अपराध आदि के खिलाफ होने वाले अपराधों को अलग से नोट किया जाता है।
एनसीआरबी के आंकड़े बताते हैं कि 2022 में, कुल 58,24,946 संज्ञेय अपराध दर्ज किए गए, जिनमें 35,61,379 भारतीय दंड संहिता (आईपीसी) अपराध और 22,63,567 विशेष और स्थानीय कानून (एसएलएल) अपराध शामिल थे।
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