दिल्ली के गार्गी कॉलेज की छात्राओं से छेड़छाड़ के मामले में पुलिस ने दस अभियुक्तों को दबोच लिया है। कॉलेज के वार्षिक सांस्कृतिक कार्यक्रम के दौरान लगभग 30 लोग कॉलेज में घुस गए थे और उन्होंने लड़कियों से छेड़छाड़ और बदसलूकी की थी। इस मुद्दे पर संसद में जोरदार हंगामा हो चुका है। सोशल मीडिया पर भी इसे लेकर लोग लगातार प्रतिक्रिया दे रहे हैं और छात्राओं से बदसलूकी करने वालों के ख़िलाफ़ सख़्त से सख़्त कार्रवाई करने की मांग कर रहे हैं। बताया जाता है कि छात्राओं से बदसलूकी करने वाले लोग कॉलेज की दीवार कूदकर भाग गए थे। इस मामले में चार दिन बाद केस दर्ज किया गया था।
पुलिस की 11 टीमें इस मामले की जांच करने और अभियुक्तों को पकड़ने में जुटी हुई हैं। जिन लोगों पर घटना में शामिल होने का शक है, पुलिस उनसे पूछताछ कर रही है और इसी क्रम में 10 अभियुक्तों को दबोचा गया है। पुलिस ने गार्गी कॉलेज के प्रबंधन से जुड़े लोगों से भी इस बारे में पूछताछ की है।
पिछले बृहस्पतिवार को जब कॉलेज का वार्षिक सांस्कृतिक कार्यक्रम चल रहा था तो बड़ी संख्या में लोग वहां घुस गए थे। कई छात्राओं, टीचर्स ने बताया है कि इस दौरान कॉलेज के सुरक्षा कर्मियों ने उन्हें नहीं रोका और वे लगातार बदसलूकी करते रहे। न्यूज़ एजेंसी एआईएनएस ने ख़बर दी है कि ये लोग नागरिकता संशोधन क़ानून के समर्थन में निकाली जा रही एक रैली में भी शामिल रहे थे।
कैंपस में दौड़-दौड़कर किया पीछा
एनडीटीवी के मुताबिक़, एक छात्रा ने बताया था कि यह घटना बेहद डराने वाली थी। कॉलेज में घुसे लोगों ने महिलाओं पर हमला किया था और कैंपस में दौड़-दौड़कर उनका पीछा किया था। छात्रा के मुताबिक़, ‘कई महिलाएं, फ़र्स्ट इयर की छात्राएं बेहोश होकर गिर गई थीं। भीड़ बहुत ज़्यादा थी और इस वजह से हम लोग वहां से नहीं निकल सके। मुझसे तीन बार छेड़छाड़ की कोशिश की गई और मैं वहां 40 मिनट तक फंसी रही।’ दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने इस घटना को लेकर ट्वीट कर कहा था कि बेटियों के साथ इस तरह का दुर्व्यवहार बर्दाश्त नहीं किया जायेगा। उन्होंने दोषियों को पकड़ने और सख़्त से सख़्त सजा देने की बात कही थी।
छात्राओं का प्रदर्शन जारी
छेड़छाड़ और बदसलूकी के ख़िलाफ़ कॉलेज की छात्राएं लगातार प्रदर्शन कर रही हैं। उन्होंने कॉलेज की सुरक्षा व्यवस्था को लेकर सवाल खड़े किये हैं। छात्राओं ने क्लासेस का बहिष्कार जारी रखा है और कहा है कि इस घटना के लिये एक जांच कमेटी बनाई जाए और उसके निष्कर्ष उन्हें बताये जाएं। छात्राओं ने कॉलेज की प्रिंसिपल पर उनकी बातों को न सुनने का भी आरोप लगाया है। राष्ट्रीय महिला आयोग की एक टीम कॉलेज का दौरा कर चुकी है।
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