2020 के विधानसभा चुनाव में अपनी सहयोगी बीजेपी से पिछड़ जाने के बाद से ही राजनीतिक दबाव का सामना कर रहे नीतीश कुमार पुराने सहयोगियों को जोड़ने के काम में जुटे हैं। इसी क्रम में उन्होंने पूर्व केंद्रीय मंत्री उपेंद्र कुशवाहा की पार्टी राष्ट्रीय लोक समता पार्टी का जेडीयू में विलय कराया और बुधवार को कुशवाहा को बिहार विधान परिषद का सदस्य भी मनोनीत कर दिया। हाशिए पर चल रहे कुशवाहा को भी इससे राजनीतिक संजीवनी मिली है।
बिहार: विधान परिषद सदस्य बने कुशवाहा, नीतीश को मिलेगी मज़बूती?
- बिहार
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- 17 Mar, 2021
2020 के विधानसभा चुनाव में अपनी सहयोगी बीजेपी से पिछड़ जाने के बाद से ही राजनीतिक दबाव का सामना कर रहे नीतीश कुमार पुराने सहयोगियों को जोड़ने के काम में जुटे हैं।

विलय के बाद कुशवाहा को जेडीयू संसदीय बोर्ड का अध्यक्ष बनाया गया था। इसके अलावा भी जेडीयू के कुछ और पुराने नेताओं को वापस लाने की कोशिश जारी है। नीतीश ने बीते दिनों संगठन की कमान भी अपने क़रीबी आरसीपी सिंह को सौंप दी थी।