भारतीय जनता पार्टी के साथ आने की  वजह से बिहार के मुसलमान नीतीश कुमार से ख़फ़ा हैं और यह साफ़ है कि वे उन्हें इस बार वोट नहीं देने जा रहे हैं। यह इससे भी समझा जा सकता है कि मुसलमानों को जोड़ने की उनकी तमाम क़वायदें नाकाम रही हैं और मुसलमानों ने खुद को इस तरह के कार्यक्रमों से दूर रखा है। ऐसे में पुलिस हिरासत में दो मुसलमान युवकों के मारे जाने की घटना से बिहार में राजनीतिक भूचाल आने की आशंका है। यह भी साफ़ है कि इस वारदात से नीतीश कुमार की 'सुशासन बाबू' की छवि को ज़बरदस्त धक्का लग सकता है।