इंडियन एक्सप्रेस की ख़बर के मुताबिक़, सीतामढ़ी में पुलिस हिरासत में दो अभियुक्तों की मौत हो गई। अभियुक्तों को बुरी तरह पीटा गया और शरीर में कीलें ठोकीं गई हैं।
डीजीपी ने स्वीकारा, हिरासत में हुई मौत
बिहार के डीजीपी गुप्तेश्वर पांडे ने हिरासत में हुई मौत को स्वीकारते हुए कहा है कि ऐसी घटना मंज़ूर नहीं है और दोषियों के ख़िलाफ़ कड़ी कार्रवाई की जाएगी। उन्होंने बताया कि डुमरा पुलिस थानाध्यक्ष चन्द्र भूषण सिंह समेत विभाग के पाँच पुलिस वालों को सस्पेंड किया जा चुका है। उन्होंने कहा कि उनको विभागीय कार्रवाई का भी सामना करना पड़ेगा और अगर वे ख़ुद को नहीं सौंपते हैं तो इनको बरख़ास्त भी कर दिया जाएगा।आधी रात को किया गिरफ़्तार
बता दें कि तसलीम का इससे पहले भी पुलिस रिकॉर्ड में नाम दर्ज है। उस पर पूर्वी चम्पारण में चार आपराधिक मामले दर्ज हैं। वहीं ग़ुफ़रान पर इससे पहले कोई आपराधिक मामला दर्ज नहीं है। रामदिया गाँव बिहार के मोतीहारी लोकसभा सीट में है जिसके सांसद बीजेपी नेता और केंद्रीय कृषि मंत्री राधामोहन सिंह हैं।पीट-पीट कर तोड़ दिए पैर
वह बताते हैं कि वह ग्रामीणों के साथ रात के 3 बजे ही पुलिस थाने पहुँचे लेकिन उनको वहाँ ग़ुफ़रान और तसलीम दोनों ही नहीं मिले। जिसके बाद उसी रात एक बार फिर वह पुलिस स्टेशन गए लेकिन दोनों का कोई हाल नहीं मिला। फिर किसी ने बताया कि दोनों को डुमरा पुलिस स्टेशन ले जाया गया है।“
जब किसी ने उनकी बात ग़ुफ़रान से कराई तब उसने बताया कि उसको बहुत ही निर्मम तरीके से पीटा गया है और उसके पैरों को तोड़ दिया गया। वह ठीक से बोल तक नहीं पा रहा था।
मुलव्वर अली, (मृतक ग़ुफ़रान के पिता)
अस्पताल में मौत, अगले दिन दिया शव
इसके बाद जब अभियुक्तों के परिजन 6 मार्च को सुबह पाँच बजे डुमरा पुलिस स्टेशन पहुँचे तब उन्होंने देखा कि वहाँ केवल दो महिला कॉन्सटेबल थीं। उनसे ग़ुफ़रान औऱ तसलीम के बारे में पूछने पर पता चला कि दोनों को सदर अस्पताल भेज दिया गया है। ग़ुफ़रान के ससुर मुहम्मद अयूब आलम बताते हैं कि जब वे लोग अस्पताल गए तो वहाँ उनको दोनों की मौत की ख़बर ही मिली। उनको दोनों के शव तक को देखने नहीं दिया गया। अगले दिन उनको शव सौंपे गये।शरीर में ठोकीं थी कीलें
जिसके बाद दफ़नाने से पहले परिवार वालों ने उनके शरीर पर बुरी तरह पीटने के निशान और घाव देखे। वहीं परिवार को कागज़ी कार्रवाई में मदद करने वाले कॉलेज छात्र साबिल रौने का कहना है कि उसके पास मृतकों के शवों की तसवीरें और वीडियो हैं जिसमें साफ-साफ दिख रहा है कि उनके शरीर में कीलें ठोकीं गईं थीं। वहीं अभी पोस्टमार्टम रिपोर्ट आने का इंतज़ार है।बिहार 17 प्रतिशत मुसलमान वोटर हैं और कम से कम पाँच-छह सीटों पर वे निर्णायक स्थिति में हैं। दरभंगा, किशनगंज, पूर्णिया, भागलपुर में मुसलमान बिल्कुल निर्णायक स्थिति में हैं, इसके अलावा तक़रीबन दस सीटों पर उनकी अच्छी ख़ासी मौजूदगी है। ऐसे में इस वारदात से जनता दल युनाइटेड को नुक़सान होना तय है।
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