शुक्रवार को बिहार के अररिया में पीएम मोदी ने एक चुनावी सभा को संबोधित करते हुए ईवीएम का मुद्दा उठाया। उन्होंने राजद और कांग्रेस पर निशाना साधते हुए कहा कि इन्होंने बैलेट पेपर लूटकर राज किया है।
अररिया में एक चुनावी जनसभा में पीएम मोदी ने आरोप लगाया है कि 2011 में जब दिल्ली में राजद और कांग्रेस की सरकार थी। तो उस समय के प्रधानमंत्री डॉ. मनमोहन सिंह की कैबिनेट ने ओबीसी आरक्षण का हिस्सा छीनकर धर्म के आधार पर वोटबैंक को आरक्षण देने की मंजूरी दे दी थी।
उन्होंने कहा कि, आरजेडी और कांग्रेस के इंडी गठबंधन को न देश के संविधान की परवाह है और न ही लोकतंत्र की परवाह है। वो लोग हैं, जिन्होंने दशकों तक बैलेट पेपर के बहाने लोगों का, गरीबों का अधिकार छीना। पोलिंग बूथ लूट लिए जाते थे, बैलेट पेपर लूट लिए जाते थे।
अब जब गरीबों को, देश के ईमानदार मतदाता को ईवीएम की ताकत मिली है, तो ये जो चुनाव के दिन लूट चलाते थे, वोट हड़पने के खेल खेलते थे, अभी भी वो परेशान है। इसलिए उनका दिन रात यही काम रहता है कि कैसे भी करके ईवीएम हटना चाहिए।
पीएम ने कहा कि, इंडिया गठबंधन के हर नेता ने ईवीएम को लेकर जनता के मन में संदेह पैदा करने का पाप किया है। लेकिन आज देश के लोकतंत्र और बाबा साहेब अंबेडकर के संविधान की ताकत देखिए, आज सुप्रीम कोर्ट ने मतपेटियों को लूटने का इरादा रखने वालों को ऐसा गहरा झटका दिया है कि उनके सारे सपने चूर-चूर हो गए हैं।
आज सुप्रीम कोर्ट ने साफ-साफ कह दिया है कि बैलेट पेपर वाला पुराना दौर वापस लौटकर नहीं आएगा।आज जब पूरी दुनिया भारत के लोकतंत्र की, भारत की चुनाव प्रक्रिया की, चुनाव में टेक्नोलॉजी के उपयोग की वाहवाही करती है, तब ये लोग अपने निजी स्वार्थ के लिए ईवीएम को बदनाम करने पर लगे पड़े थे। इन्होंने लोकतंत्र के साथ लगातार विश्वासघात करने की कोशिश की है।
उन्होंने कहा कि आज देश में राजनीति की दो मुख्य धाराएं बन गई हैं। एक धारा बीजेपी और एनडीए की है, जिसका मकसद है देश के लोगों को सशक्त करना, हर लाभार्थी के दरवाजे तक खुद जाकर उसे लाभ पहुंचाना। इसके विपरीत एक और धारा है- कांग्रेस और आरजेडी की है।
इंडी गठबंधन वालों का मकसद है, देश के लोगों से छीनना, उन्हें तरसा कर रखना और अपनी तिजोरी भरना।जबकि बहनों-बेटियों के जीवन को आसान बनाना एनडीए की प्राथमिकता है। बहनों को उनकी सुविधा के लिए नल से जल मिला है, शौचालय मिला है, मुफ्त बिजली कनेक्शन मिले हैं।
एनडीए सरकार की मुफ्त राशन की योजना ने हमारी माताओं-बहनों-बेटियों की बहुत बड़ी चिंता समाप्त कर दी है।पीएम मोदी ने आरोप लगाया कि अब कांग्रेस ने दलितों, पिछड़ों और आदिवासियों के आरक्षण का हक छीनने की बहुत गहरी साजिश रची है।
देश के संविधान ने साफ-साफ कहा है कि भारत में धर्म आधारित आरक्षण नहीं हो सकता। लेकिन, कांग्रेस पूरे देश में धर्म आधारित आरक्षण के लिए जोर लगा रही है। कांग्रेस चाहती है कि उसका कर्नाटक का आरक्षण मॉडल पूरे देश में लागू हो।
उनके लिए संविधान भी मायने नहीं रखता
ओबीसी जातियों का आरक्षण छीनकर, कांग्रेस अपने चहेते वोटबैंक को देना चाहती है।तुष्टिकरण के दलदल में कांग्रेस-आरजेडी जैसी पार्टियां इतना धंस गई हैं कि उनके लिए संविधान भी मायने नहीं रखता।पीएम मोदी ने कहा कि 2011 में जब दिल्ली में आरजेडी और कांग्रेस की सरकार थी। तो उस समय के प्रधानमंत्री डॉ. मनमोहन सिंह जी की कैबिनेट ने ओबीसी आरक्षण का हिस्सा छीनकर धर्म के आधार पर वोटबैंक को आरक्षण देने की मंजूरी दे दी थी।
लेकिन, उस समय जागरूक कोर्ट ने इन्हें ऐसा करने से रोक दिया था। जब मैं कांग्रेस द्वारा सिर्फ मुसलमानों को प्राथमिकता दिए जाने की बात करता हूं, तो कुछ लोग आगबबूला हो जाते हैं। उनका इकोसिस्टम पिछले एक सप्ताह से मेरे बाल नोंच रहा है।
मैं इन्हें कहना चाहता हूं कि 25 साल हो गए,आपने मुझे बहुत डराने की कोशिश की, लेकिन मैं डरा नहीं, इसलिए अब कोशिश बंद कर दो।
इस देश के संसाधनों पर, देश की संपत्ति पर पहला हक मेरे देश के गरीबों का, मजदूरों का, किसानों का, माताओं-बहनों का है। चाहे किसी भी धर्म के हों, लेकिन अगर वो गरीब हैं तो पहला हक उनका है, ये मोदी की सोच है।
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