9 अगस्त को भारत छोड़ो आंदोलन के 80 बरस पूरे हुए थे और इसी दिन नीतीश-तेजस्वी सरकार ने शपथ ली थी। चार साल पहले 16 अगस्त को बीजेपी के भीष्मपितामह अटल बिहारी वाजपेयी ने अंतिम सांस ली थी। 16 अगस्त को ही नीतीश-तेजस्वी सरकार ने अपनी कैबिनेट बनायी।
नीतीश-तेजस्वी सरकार को बर्दाश्त कर पाएगी बीजेपी?
- बिहार
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- 17 Aug, 2022

क्या बिहार में भी केंद्रीय एजेंसियों के दुरुपयोग या ऑपरेशन लोटस जैसी तिकड़मों से सरकार गिराने की कोशिश होगी?
महागठबंधन ने अंग्रेजों भारत छोड़ो को बीजेपी के गद्दी छोड़ने से जोड़ा है। जबकि, अटल बिहारी वाजपेयी को एक वोट से बहुमत खो देने लेकिन खरीद-फरोख्त की सियासत नहीं करने के लिए जाना जाता है।
इसी संदर्भ में यह सवाल उठ रहे हैं कि क्या बीजेपी नीतीश-तेजस्वी सरकार को उसका बचा हुआ जीवन बख्श देगी? या फिर मोदी-शाह की बीजेपी बिहार में महागठबंधन सरकार का भी वैसा ही हश्र करेगी जैसा उसने कभी गोवा, अरुणाचल, उत्तराखण्ड, कर्नाटक, मध्य प्रदेश और महाराष्ट्र में किया था?