नीतीश कुमार ने बीजेपी के समर्थन से फिर से सरकार बनाने का दावा पेश कर दिया है। इसके साथ ही नीतीश ने इंडिया गठबंधन को छोड़कर एनडीए में शामिल होने की घोषणा भी कर दी है। प्रधानमंत्री मोदी ने एनडीए में शामिल होने पर नीतीश को बधाई दी है। लेकिन इसी बीजेपी ने क़रीब डेढ़ साल पहले नीतीश के पाला बदलकर महागठबंधन में जाने पर कहा था कि नीतीश कुमार के लिए बीजेपी के दरवाजे हमेशा के लिए बंद हो गये हैं। खुद नीतीश कुमार ने कहा था कि वह मर जाएँगे लेकिन बीजेपी के साथ नहीं जाएँगे। तो सवाल है कि आख़िर अब क्या ऐसी मजबूरी है कि दोनों दल एक साथ आ गए?
नीतीश कुमार को एनडीए में वापस लेने की बीजेपी की मजबूरी क्या?
- बिहार
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- 28 Jan, 2024
जिस बीजेपी ने कहा था कि नीतीश की एनडीए में वापसी के सारे दरवाजे बंद हो गए हैं, उसने आख़िर अब फिर से समर्थन क्यों दिया? जानें दोनों दलों की क्या मजबूरी है।

बिहार में यह घटनाक्रम तब चल रहा है जब कुछ महीने में ही लोकसभा चुनाव होने हैं। कुछ मीडिया रिपोर्टों में कहा जा रहा है कि बिहार में बीजेपी के आंतरिक सर्वे में लोकसभा चुनाव को लेकर अच्छा फीडबैक नहीं मिल रहा था। बिहार में जेडीयू-आरजेडी और कांग्रेस का इंडिया गठबंधन मज़बूत नज़र आ रहा था। तो क्या यही वह वजह है जिससे बीजेपी नीतीश को एनडीए में शामिल करने के लिए तत्पर रही?