नीतीश कुमार ने बीजेपी के समर्थन से फिर से सरकार बनाने का दावा पेश कर दिया है। इसके साथ ही नीतीश ने इंडिया गठबंधन को छोड़कर एनडीए में शामिल होने की घोषणा भी कर दी है। प्रधानमंत्री मोदी ने एनडीए में शामिल होने पर नीतीश को बधाई दी है। लेकिन इसी बीजेपी ने क़रीब डेढ़ साल पहले नीतीश के पाला बदलकर महागठबंधन में जाने पर कहा था कि नीतीश कुमार के लिए बीजेपी के दरवाजे हमेशा के लिए बंद हो गये हैं। खुद नीतीश कुमार ने कहा था कि वह मर जाएँगे लेकिन बीजेपी के साथ नहीं जाएँगे। तो सवाल है कि आख़िर अब क्या ऐसी मजबूरी है कि दोनों दल एक साथ आ गए?