बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने बीजेपी के ख़िलाफ़ अब खुलेआम मोर्चा खोल दिया है। यह मोर्चा किस स्तर का है यह उनके बयानों से समझा जा सकता है। सभी विपक्षी दलों को एक मंच पर लाना और यह दावा करना कि बीजेपी को 50 सीटों पर समेटने की योजना बनाना है। नीतीश ने कहा है कि अगर सभी विपक्षी दल एक साथ लड़ेंगे तो 2024 के चुनावों में बीजेपी '50 सीटों पर आ जाएगी'। उन्होंने कहा है कि वह इसके लिए काम कर रहे हैं।
विपक्षी एकता पर उनका यह आह्वान पटना में उनकी पार्टी जदयू की कार्यकारी बैठक में आया है। एनडीटीवी की रिपोर्ट के अनुसार उस बैठक में दो प्रस्ताव पारित किए गए। एक, नीतीश कुमार को विपक्षी एकता के लिए काम करने के लिए अधिकृत करना, और दूसरा यह कहना कि बीजेपी के अधीन देश में 'अघोषित आपातकाल' है।
नीतीश कुमार और जेडीयू का यह आक्रामक रवैया तब सामने आया है जब एक दिन पहले ही मणिपुर में बीजेपी ने जेडीयू के 6 में से 5 विधायकों को तोड़ लिया है। वे सभी बीजेपी में शामिल हो गए हैं। 2020 में भी अरुणाचल प्रदेश में जेडीयू के 7 में से 6 विधायक बीजेपी के साथ चले गए थे।
बीजेपी और जेडीयू के बीच चल रही मौजूदा तनातनी के बीच ही कई स्तर पर नीतीश को प्रधानमंत्री मोदी के ख़िलाफ़ 2024 का चेहरा पेश करने की कोशिश की जा रही है।
पटना की सड़कों पर..#NitishKumar #poster pic.twitter.com/A33Y9HrsBZ
— Uma S Chaurasiya 🇮🇳 (@umashankermedia) September 3, 2022
इन नारों को उस संदर्भ में देखा जा सकता है कि जब से नीतीश कुमार ने महागठबंधन के साथ मिलकर सरकार बनाई है, 2024 के चुनाव में विपक्ष का चेहरा कौन होगा, इसे लेकर बहस तेज हो गई है।
लेकिन जेडीयू के पूरा जोर लगाने के बाद भी क्या यह इतना आसान होगा कि विपक्ष के तमाम नेता नीतीश कुमार को प्रधानमंत्री के चेहरे के तौर पर स्वीकार कर लेंगे और क्या विपक्षी दल एक मंच पर आ पाएँगे?
बहरहाल, नीतीश कुमार की ओर से बीते महीने एनडीए के साथ नाता तोड़ते ही यह संकेत दे दिए गए थे कि अब वह 2024 की चुनावी लड़ाई लड़ना चाहते हैं।
इसी क्रम में नीतीश कुमार ने शनिवार को कहा है कि वह भाजपा विरोधी मोर्चे के लिए अन्य दलों के शीर्ष नेताओं से मिलने के लिए दिल्ली का दौरा करेंगे। नीतीश की यह यात्रा सोमवार से होने वाली है।
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