बिहार के मधुबनी ज़िले में एक आरटीआई कार्यकर्ता और युवा पत्रकार की जली हुई लाश पुलिस को मिली है। वह व्यक्ति एक स्थानीय न्यू़ज पोर्टल में काम करता था।
'एनडीटीवी' के अनुसार, बुद्धिनाथ झा उर्फ अविनाश झा ने कुछ खबरें की थीं, जिनमें उन्होंने कुछ मेडिकल क्लिनिक को फ़र्जी बताया था। इसके बाद उन्हें धमकियाँ दी गई थीं और इस तरह की खबरें न करने के लिए पैसों की पेशकश की गई थी।
बुद्धिनाथ झा गायब हो गए थे और पुलिस में रिपोर्ट कराए जाने के चार दिन बाद उनकी लाश बेनीपट्टी थाना के अंतर्गत एक सड़क के किनारे मिली थी। गायब होने के दो दिन पहले इस युवा पत्रकार ने फ़ेसबुक पोस्ट किया था, जिसमें इन फर्जी मेडिकल क्लिनिकल का भंडाफोड़ किया था।
बेनीपट्टी थाने के लोहिया चौक के पास लगे सीसीटीवी कैमरे में बुद्धिनाथ झा मंगलवार की रात 10 बजे के करीब दिखे थे। उनका घर थाने से लगभग 400 मीटर दूर है।
सीसीटीवी फुटेज में यह युवा आरटीआई कार्यकर्ता रात के 9 बजे के आस पास सड़क पर चलते हुए और फ़ोन पर बात करते हुए कई बार दिखता है। अंतिम फीड में वह रात 10.05 और 10.10 के बीच सड़क पर एक आदमी से बात करते हुए दिखते हैं। उसके बाद वे गायब हो गए और सीसीटीवी फुटेज में भी नहीं दिखे।

बुद्धिनाथ झा जब अगले दिन भी घर नहीं लौटे तो परिजनों ने थाने में शिकायत लिखवाई। पुलिस का कहना है कि बुधवार की सुबह 9 बजे इस युवा आरटीआई कार्यकर्ता ने बेनीपट्टी से लगभग पाँच किलोमीटर दूर बेतून गाँव में अपना फ़ोन स्विच ऑफ़ कर दिया। पुलिस को इसके बाद की कोई जानकारी अब तक नहीं मिली है।
बुद्धिनाथ के चचेरे भाई बी. जे. विकास को जानकारी मिली कि बेतून गाँव में सड़क किनारे एक लाश मिली है। वह लाश जली हुई थी। लेकिन एक अंगूठी, गले में एक हार और पैर पर एक निशाने के आधार पर उसकी शिनाख़्त कर ली गई।
लाश का पोस्ट मॉर्टम और उसके बाद उसका अंतिम संस्कार कर दिया गया।
इस वारदात के पास आसपास के गाँवों में लोगों के मन में दुख और ज़बरदस्त गुस्सा है।
अपनी राय बतायें