नीतीश कुमार ने एक समय जीतन राम मांझी को बिहार का मुख्यमंत्री बनाकर सबको चौंका दिया था और अब नीतीश और मांझी के बीच जो कुछ चल रहा है वह भी कम चौंकाने वाला नहीं है। मांझी ने नीतीश सरकार से समर्थन वापस ले लिया है और अब उनकी पार्टी हम के लोग नीतीश के ख़िलाफ़ मानहानि का मुक़दमा करने की बात कह रहे हैं। उनका आरोप है कि उन पर नीतीश कुमार मुखबिर होने का आरोप लगा रहे हैं।
हाल में नीतीश कुमार और मांझी के बीच जिस तरह के रिश्ते सामने आए हैं वे बेहद खटास वाले हैं। इन दोनों के बीच अब तनातनी किस हद तक बढ़ गई है, यह इससे समझा जा सकता है कि बिहार के पूर्व मुख्यमंत्री जीतन राम मांझी की हिंदुस्तानी आवाम मोर्चा यानी हम ने सोमवार को राज्य में नीतीश कुमार सरकार से अपना समर्थन वापस ले लिया। हालाँकि, इससे नीतीश सरकार को कोई ख़तरा नहीं है। 243 सदस्यीय विधानसभा में सत्तारूढ़ गठबंधन के करीब 160 विधायक हैं। इसमें जद (यू), राजद और कांग्रेस के अलावा तीन वामपंथी दल शामिल हैं जो सरकार को बाहर से समर्थन दे रहे हैं।
मांझी के बेटे और पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष संतोष सुमन ने कहा कि उन्होंने समर्थन वापसी का पत्र सौंपने के लिए बिहार के राज्यपाल राजेंद्र अर्लेकर से मुलाकात की। सुमन ने भी पिछले हफ्ते कैबिनेट से इस्तीफा दे दिया था।
मांझी के बेटे सुमन ने नीतीश कुमार की जदयू पर अपनी पार्टी के विलय का दबाव बनाने का आरोप लगाया था। हाल ही में हम के राष्ट्रीय कार्यकारी निकाय द्वारा भविष्य की कार्रवाई पर निर्णय लेने के लिए खुद को अधिकृत किए जाने के बाद सुमन एक संवाददाता सम्मेलन को संबोधित कर रहे थे।
हम नेता सुमन ने कहा है कि वह विकल्प तलाशने के लिए दिल्ली जाएँगे और अगर भाजपा नीत गठबंधन उन्हें निमंत्रण देता है तो वह राजग के आमंत्रण पर विचार करने को तैयार हैं।
बता दें कि चार विधायकों के साथ हम पिछले साल 'महागठबंधन' में शामिल हो गई थी। उसने यह फ़ैसला नीतीश कुमार के भाजपा को छोड़ने के कदम के साथ एकजुटता में लिया था। लेकिन अब माना जा रहा है कि हम बीजेपी के साथ गठबंधन कर सकती है। हम नेताओं के दिल्ली में कई नेताओं के साथ मुलाक़ात का कार्यक्रम है। कहा जा रहा है कि वे अमित शाह से भी मिल सकते हैं। जब पूछा गया कि वह दिल्ली में किन किन नेताओं से मिलेंगे तो मांझी ने कहा कि सभी नेताओं से- चाहे बसपा हो या कांग्रेस, सभी से मुलाकात करने का प्रयास करेंगे। उन्होंने कहा है कि अमित शाह के साथ ही वह राहुल गांधी और मायावती से भी मिलने का प्रयास करेंगे।
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