जेडीयू ने '2025 से 2030 फिर से नीतीश' पोस्टर जारी किया है। इस पोस्टर को उस संदर्भ में देखा जा सकता है जिसमें अमित शाह ने एक इंटरव्यू में कहा था कि बिहार में एनडीए के नेता का फ़ैसला बीजेपी संसदीय बोर्ड लेगा। फिर अटल बिहारी वाजपेयी के जन्मदिन पर बिहार बीजेपी के वरिष्ठ नेता विजय सिन्हा ने कह दिया था कि जब तक बिहार में बीजेपी की अपनी सरकार नहीं बनती तब तक हम अटल जी को सच्ची श्रद्धांजलि नहीं दे पाएंगे। हालाँकि बाद में सिन्हा ने सफाई देते हुए नीतीश कुमार के नेतृत्व में सरकार बनने की बात कही थी। तो क्या जेडीयू और बीजेपी में सबकुछ ठीक नहीं है और क्या गठबंधन में आपसी विश्वास में कमी आई है?
जेडीयू को पोस्टर क्यों जारी करना पड़ा, क्या बिहार एनडीए में घमासान है?
- विश्लेषण
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- 2 Jan, 2025
बिहार विधानसभा चुनाव से पहले जेडीयू-बीजेपी के बीच क्या सबकुछ ठीक नहीं है? आख़िर बिहार की राजनीति में हर रोज़ नये घटनाक्रम सामने क्यों आ रहे हैं?

बीजेपी और जेडीयू के बीच क्या चल रहा है, बिहार की राजनीति में किस तरह की हलचल है और किस तरह के कयास लगाए जा रहे हैं, यह आरजेडी नेताओं के बयान से भी पता चलता है। आरजेडी प्रमुख लालू यादव ने एक दिन पहले ही कहा है कि बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के लिए महागठबंधन के दरवाजे हमेशा खुले हैं। लालू ने कहा, 'अगर नीतीश कुमार हमारे साथ आने का फैसला करते हैं, तो उनका हमेशा स्वागत है। हम साथ मिलकर काम करेंगे।' इससे पहले राजद प्रवक्ता भाई बीरेंद्र ने भी एक बयान जारी कर कहा था कि नीतीश का फिर से महागठबंधन में स्वागत किया जाएगा।