बिहार विधानसभा चुनाव में नेताओं के बीच चल रहे घमासान में अब जांच एजेंसियां भी कूद गई हैं। पटना में गुरूवार शाम को आयकर विभाग ने कांग्रेस दफ़्तर पर छापेमारी की और दफ़्तर के बाहर खड़ी एक गाड़ी से 8.5 लाख रुपये बरामद किए। आयकर विभाग ने यह राशि मिलने के बाद कांग्रेस को नोटिस जारी कर दिया है और एक व्यक्ति को हिरासत में लिया गया है।
चुनाव के एन मौक़े पर हुई इस कार्रवाई से जांच एजेंसियों का दुरुपयोग करने के आरोप झेल रही मोदी सरकार पर कांग्रेस और आरजेडी का हमला और तेज़ हो गया है।
कांग्रेस ने आयकर विभाग द्वारा छापेमारी किए जाने की पुष्टि करते हुए कहा है कि उनके दफ़्तर के अंदर से एक रुपया भी नहीं मिला है। कांग्रेस के बिहार प्रभारी शक्ति सिंह गोहिल ने कहा है कि हम जांच में सहयोग करेंगे।
गोहिल ने कहा कि बीजेपी-जेडीयू गठबंधन की हार की बौखलाहट में यह कार्रवाई हुई है। उन्होंने कहा कि कांग्रेस दफ़्तर में कई लोग आते-जाते हैं और इस घटना के लिए पार्टी जिम्मेदार नहीं है। गोहिल ने कहा, ‘रक्सौल से बीजेपी प्रत्याशी के भाई के घर से 22 किलो सोना और चांदी मिली, इनकम टैक्स को वहां जाना चाहिए। लेकिन वे वहां नहीं जाते और कांग्रेस दफ़्तर के बाहर से किसी के पास से पैसा मिलता है तो हमारे वहां आते हैं और यहां उन्हें कुछ नहीं मिलता।’
घटना को लेकर आरजेडी ने ट्वीट कर कहा, ‘विपक्षी पार्टियों के यहां इनकम टैक्स ने छापा मारना शुरू कर दिया है।’
इस हफ़्ते की शुरुआत में आयकर विभाग ने दो सरकारी कांट्रेक्टर्स के वहां छापा मारकर लगभग ढाई करोड़ की नकदी बरामद की थी।
सचिवालय में आग से काग़ज जलने शुरू हो गए है। विपक्षी पार्टियों के यहाँ इनकम टैक्स ने छापा मारना शुरू कर दिया है।
— Rashtriya Janata Dal (@RJDforIndia) October 22, 2020
मतलब समझ रहे है ना?? हार स्वीकारना इसे ही तो कहते है।
243 सीटों वाली बिहार विधानसभा के लिए तीन चरणों में मतदान होना है। पहले चरण का मतदान 28 अक्टूबर, दूसरे चरण का मतदान 3 नवंबर और तीसरे चरण का मतदान 10 नवंबर को होगा।
मोदी-राहुल की रैलियां
आरजेडी के नेता तेजस्वी यादव की रैलियों में उमड़ रही जबरदस्त भीड़ के बाद राज्य का चुनावी माहौल बेहद रोमांचक हो गया है और इसकी काट के लिए बीजेपी की ओर से प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी शुक्रवार से धुआंधार चुनाव प्रचार करने बिहार आ रहे हैं। इसके साथ ही कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी भी महागठबंधन के उम्मीदवारों के समर्थन में आयोजित चुनावी रैलियों को संबोधित करेंगे।
परेशान हैं नीतीश
तेजस्वी की रैलियों में उमड़ रही भीड़ से नीतीश कुमार चिंतित हैं कि अगर यह भीड़ वोटों में तब्दील हो गई तो उनका सत्ता में वापस आना बेहद मुश्किल हो जाएगा। हालांकि कुछ सर्वे नीतीश की सत्ता में वापसी की बात कह रहे हैं लेकिन वे यह भी कह रहे हैं कि बिहार के लोगों में नीतीश से नाराजगी बढ़ी है।लोकनीति-सीएसडीएस का ताज़ा सर्वे कहता है कि मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के काम को लेकर कितने फ़ीसदी लोग संतुष्ट हैं, यह आंकड़ा पिछले चुनाव की तुलना में गिरा है। 2015 के विधानसभा चुनाव में 80 फ़ीसदी लोगों ने कहा था कि वे नीतीश के काम से संतुष्ट हैं जबकि 2010 में यह आंकड़ा 77 फ़ीसदी था। लेकिन सर्वे कहता है कि इस बार केवल 52 फ़ीसदी लोगों ने कहा है कि वे नीतीश के काम से संतुष्ट हैं।
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