“जब तक दवाई नहीं, दब तक ढिलाई नहीं।” प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 20 अक्टूबर को राष्ट्र के नाम संबोधन में यह बात दोहरायी थी। मोबाइल पर अमिताभ बच्चन की आवाज़ में यह सलाह, एहतियात हर बार फोन कॉल करते समय सुनने को मिल जाती है। मगर, बीजेपी ने कोरोना की दवाई को चुनाव की लड़ाई से जोड़कर मानो कोरोना भगाने के पूरे मक़सद की पवित्रता को ही भंग कर दिया है।
बिहार: आत्मघाती साबित हो सकता है फ्री वैक्सीन का वादा!
- बिहार
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- 23 Oct, 2020

क्या कोरोना की फ्री वैक्सीन का वादा किसी चुनाव घोषणा पत्र का हिस्सा हो सकता है? क्या होना चाहिए? यह सवाल देश में हर औसत बुद्धि का व्यक्ति भी बीजेपी से पूछ रहा है।
क्या कोरोना की फ्री वैक्सीन का वादा किसी चुनाव घोषणा पत्र का हिस्सा हो सकता है? क्या होना चाहिए? यह सवाल देश में हर औसत बुद्धि का व्यक्ति भी बीजेपी से पूछ रहा है।
बीजेपी केंद्र में सत्ता में है। बिहार में भी सत्ता में है। फ्री वैक्सीन देना डबल इंजन की सरकारों का कर्तव्य है। इंजन भले ही सिंगल हो, फिर भी यह उसका कर्तव्य है कि ग़रीब जनता को मौत के मुंह में जाने से बचाए।