बिहार में सीएम नीतीश कुमार और राज्यसभा के उपसभापति हरिवंश नारायण सिंह के बीच सोमवार को एक सीक्रेट मीटिंग होने की खबर है। प्राप्त जानकारी के मुताबिक दोनों की मुलाकात सीएम आवास एक अणे मार्ग में हुई है। दोनों के बीच करीब एक घंटे तक सीक्रेट बैठक चली है। इस मुलाकात के समय और दोनों के बीच लंबे अरसे के बाद मुलाकात होने के कारण राजनैतिक चर्चाओं का बाजार गर्म हाे गया है। सोमवार को ही लैंड फॉर जॉब्स केस मामले में सीबीआई की नई चार्जशीट में बिहार के उपमुख्यमंत्री तेजस्वी यादव का नाम जुड़ा है। यह मुलाकात इसलिए भी खास है क्योंकि दोनों नेताओं के बीच लंबे समय से बातचीत भी नहीं हो रही थी। हरिवंश को नीतीश कुमार का करीबी माना जाता रहा है, नीतीश ने ही उन्हें राज्यसभा भेजा था। बाद में उनपर आरोप लगा कि वे पीएम मोदी के करीब जा चुके हैं। हरिवंश के राज्यसभा का उपसभापति बनने के बाद नीतीश कुमार से दूरियां बढ़ गई थी।
इस मुलाकात के कई राजनैतिक मतलब निकाले जा रहे
इस मुलाकात पर दोनों के कार्यालयों से अभी तक इसकी कोई औपचारिक सूचना जारी नहीं की गई है। जेडीयू के नेताओं ने भी इस पर कुछ भी बोलने से साफ इनकार कर दिया है। पिछले दिनों महाराष्ट्र में हुए राजनैतिक उलट फेर के बीच इस मुलाकात के कई राजनैतिक मतलब निकाले जा रहे हैं। इस मुलाकात के बाद सियासी गलियारों में चर्चा है कि हरिवंश पीएम मोदी के मैसेंजर का काम कर सकते हैं। भ्रष्टाचार के मामलों में जब 2017 में केंद्रीय एजेंसियों ने उपमुख्यमंत्री तेजस्वी यादव और राजद सुप्रीमों लालू यादव पर दबिश दी थी, तब नीतीश कुमार राजद का साथ छोड़ भाजपा के साथ गठबंधन में शामिल हो गए थे। चुनावी रणनीतिकार रहे और अब जन सुराज के नेता प्रशांत किशोर पहले से यह आरोप लगा चुके हैं कि सीएम नीतीश कुमार हरिवंश के रूप में भाजपा के बीच एक संभावना छोड़े हुए हैं।
विधायकों-सांसदों से वन टू वन मिल रहे हैं
मुख्यमंत्री नीतीश कुमार पिछले दिनों अपनी पार्टी जदयू के विधायकों और विधान पार्षदों से वन टू वन मिले थे। इसके बाद वह पिछले तीन दिनों से पार्टी के लोकसभा-राज्यसभा सांसदों से मिल रहे हैं। पार्टी नेताओं से इन मुलाकातों के कई मायने निकाले जा रहे हैं। इन मुलाकातों को लेकर पार्टी का कहना है कि सीएम नेताओं से उनके क्षेत्र की समस्याओं को सुन रहे हैं और चुनाव की तैयारी में जुटने का निर्देश दे रहे हैं।
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