एलजेपी नेता चिराग पासवान ने अब नीतीश कुमार के ख़िलाफ़ बड़ा आरोप लगा दिया है। उन्होंने कहा है कि यदि उनकी पार्टी सरकार में आती है तो 'भ्रष्टाचार' मामलों में नीतीश कुमार को जेल होगी। चुनाव प्रचार के दौरान एक सभा को संबोधित करते हुए उन्होंने नीतीश सरकार की सात निश्चय योजना में 'भ्रष्टााचार' के आरोप लगाए। वह बक्सर के डुमराव में एक जनसभा को संबोधित कर रहे थे। 'सात निश्चय' ग्रामीण सड़कों, नालियों और समग्र स्वच्छता के निर्माण के लिए जदयू-बीजेपी सरकार की एक बहुप्रतीक्षित योजना है।
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बिहार विधानसभा चुनाव के मतदान का दिन जैसे-जैसे नज़दीक आता जा रहा है लोक जनशक्ति पार्टी यानी एलजेपी नेता चिराग पासवान नीतीश कुमार के ख़िलाफ़ ज़्यादा हमलावर होते जा रहे हैं। वह भी इस तथ्य के बावजूद कि नीतीश कुमार की पार्टी जेडीयू और चिराग पासवान की पार्टी एलजेपी दोनों ही एनडीए का हिस्सा हैं। हालाँकि, एलजेपी एनडीए से अलग चुनाव मैदान में अकेले उतरी है। उसने बिहार चुनाव की घोषणा से पहले ही एनडीए को छोड़ दिया है।
इसके बावजूद एलजेपी लगातार प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर अपना हक़ जता रही है। वह उनकी और उनके कार्यक्रमों की प्रशंसा करती है लेकिन नीतीश कुमार की तीखी आलोचना करती है। राजनीतिक गलियारों में चर्चा है कि चिराग पासवान नीतीश कुमार को मुख्यमंत्री नहीं बनने देना चाहते हैं। कई हलकों में तो यहाँ तक कहा जा रहा है कि चिराग यह सब कथित तौर पर बीजेपी के गुप्त समर्थन से कर रहे हैं। हालाँकि बीजेपी इन अपुष्ट चर्चाओं को सिरे से खारिज करती रही है।
नीतीश कुमार के ख़िलाफ़ चिराग का यह रूप रविवार को रैली में भी दिखा। जनसभा में चिराग पासवान ने भीड़ से पूछा, 'जिन लोगों ने सात निश्चय में भ्रष्टाचार किया है, उनका क्या करना चाहिए?'
जब भीड़ के एक हिस्से ने कहा कि ऐसे लोगों को जेल भेज दिया जाना चाहिए, तो लोजपा प्रमुख ने कहा, 'तो चलिए चिराग पासवान आप लोगों से वादा करता है, अगर लोजपा की सरकार आती है, सात निश्चय में जितना भी भ्रष्टाचार हुआ है, जो घोटाला हुआ है, चाहे अधिकारी ने किया हो या मुख्यमंत्री ने स्वयं किया हो, उनको जेल भेज देंगे।' उन्होंने लोगों से यह भी पूछा, 'क्या वे उस तरह का सीएम चाहते हैं। जो मुख्यमंत्री बिहार को बरबाद कर दे, जो मुख्यमंत्री बिहार के नौजवानों को पलायन के लिए मजबूर क दे, क्या ऐसे सीएम को सीएम बने रहना चाहिए।'जब भीड़ ने कहा 'नहीं', तो उन्होंने कहा कि क्या इस तरह के सीएम को हटाया जाना चाहिए या नहीं। भीड़ ने कहा 'हाँ'।
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बता दें कि नीतीश कुमार को चुनाव में हराने के लिए एलजेपी एक पुरानी रणनीति पर काम कर रही है। एलजेपी जितनी सीटों पर चुनाव लड़ रही है उसमें उसके उम्मीदवारों की अच्छी संख्या बीजेपी में रह चुके नेताओं की है। एलजेपी कह चुकी है कि वह बीजेपी उम्मीदवारों के ख़िलाफ़ उम्मीदवार खड़े नहीं करेगी लेकिन हर उस सीट पर उसका प्रत्याशी होगा जहाँ जेडीयू चुनाव लड़ रही होगी।
यह लगभग वही रणनीति है, जैसी 2005 फरवरी में हुए चुनाव में एलजेपी ने आरजेडी के ख़िलाफ़ उम्मीदवार देकर अपनायी थी। तब एलजेपी 29 सीट लायी थी और इसके तत्कालीन अध्यक्ष राम विलास पासवान कहते थे कि चाभी तो उनके पास है।
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