loader
रुझान / नतीजे चुनाव 2024

झारखंड 81 / 81

इंडिया गठबंधन
56
एनडीए
24
अन्य
1

महाराष्ट्र 288 / 288

महायुति
233
एमवीए
49
अन्य
6

चुनाव में दिग्गज

गीता कोड़ा
बीजेपी - जगन्नाथपुर

हार

पूर्णिमा दास
बीजेपी - जमशेदपुर पूर्व

जीत

जातीय गणना को कोर्ट की हरी झंडी से भाजपा बैकफुट पर

4 मई 2023 को जब पटना हाईकोर्ट ने बिहार सरकार द्वारा कराई जा रही जातीय गणना पर अंतरिम रोक लगाई थी तो भारतीय जनता पार्टी के नेताओं ने मुख्यमंत्री नीतीश कुमार और उपमुख्यमंत्री तेजस्वी यादव की कटु आलोचना की थी। एक ओर भारतीय जनता पार्टी के कई सवर्ण नेता इस गणना का यह कहकर विरोध कर रहे थे कि इससे जातीय विद्वेष फैलेगा तो दूसरी ओर उसके ही कई नेता कोर्ट द्वारा इस पर रोक लगाने को नीतीश कुमार सरकार की विफलता बता रहे थे।

ध्यान रहे कि जातीय गणना पर रोक लगाने के लिए पहले सुप्रीम कोर्ट में अर्जी दी गई गई थी लेकिन वहां से हाई कोर्ट जाने को कहा गया था। हाई कोर्ट द्वारा इस पर अंतरिम रोक लगाए जाने के बाद भारतीय जनता पार्टी के नेता मुख्यमंत्री नीतीश कुमार पर हमलावर हुए थे। उस समय सरकार ने यह दलील दी थी कि जातीय गणना का 80% का कार्य हो चुका है लेकिन हाई कोर्ट इस बात के लिए राजी नहीं हुआ और बिहार सरकार को सुप्रीम कोर्ट से भी इस मामले में राहत नहीं मिली।

ताज़ा ख़बरें

अब हाई कोर्ट ने याचिकाकर्ताओं की सभी आपत्तियों को खारिज कर दिया है। याचिकाकर्ताओं की आपत्ति थी कि राज्य सरकार जातीय जनगणना करा रही है जो उसके अधिकार क्षेत्र से बाहर है लेकिन कोर्ट ने माना कि यह जनगणना नहीं बल्कि सर्वे है जिसका अधिकार राज्य सरकार के पास है। इसी तरह कोर्ट ने निजता के उल्लंघन की आपत्ति को भी अस्वीकार कर दिया।

बिहार सरकार ने जातीय गणना इसी साल 7 जनवरी से शुरू की थी। इसका पहला चरण 21 जनवरी को पूरा हो गया था जिसमें लगभग 12 करोड़ 70 लाख लोगों की जानकारी दर्ज की गई थी। इस गणना का दूसरा चरण 15 अप्रैल से शुरू हुआ था और इसे 15 मई तक पूरा होना था लेकिन हाई कोर्ट के आदेश के बाद 4 मई को यह काम बंद कर दिया गया था।

हाई कोर्ट की रोक हटने के आदेश के तत्काल बाद राज्य सरकार ने सभी जिलों के डीएम को तुरंत यह काम शुरू करने का निर्देश दे दिया। दूसरी ओर इस गणना का विरोध कर रहे आवेदकों के अधिवक्ता दीनू कुमार और धनंजय कुमार तिवारी ने कहा कि जल्द ही हाईकोर्ट के फ़ैसले को सुप्रीम कोर्ट में चुनौती दी जाएगी।
अब जबकि हाईकोर्ट ने जातीय गणना के खिलाफ दायर की गई सभी याचिकाओं को खारिज कर दिया है तो भारतीय जनता पार्टी के नेता बैकफुट पर नजर आ रहे हैं।

भाजपा के जो नेता जातीय गणना को जातीय विद्वेष वाला बता रहे थे, अब वह यहकर इसका श्रेय भी लेना चाहते हैं कि यह निर्णय तब लिया गया था जब भाजपा सरकार में थी। जातीय गणना के लिए बिहार विधानमंडल के दोनों सदनों में सर्वसम्मति से प्रस्ताव पारित होने के बाद इस पर बिहार कैबिनेट की मुहर लगी थी। इसके लिए 500 करोड़ रुपये निर्धारित किए गए थे।

विधानसभा में प्रतिपक्ष के नेता भाजपा के विजय कुमार सिन्हा ने कहा कि कोर्ट के निर्णय से जाति आधारित गणना का रास्ता साफ हो गया है। उन्होंने पहले जातीय विद्वेष का हवाला देकर इसका विरोध किया था लेकिन अब वह कह रहे हैं कि भाजपा इसका स्वागत करती है।

इस स्वागत में भी उन्होंने एक पेच रखा है और कह रहे हैं कि राज्य सरकार की मंशा साफ नहीं है और इसका इस्तेमाल वह राजनीति के लिए कर रही है। वह यह सवाल भी कर रहे हैं कि सरकार बताए कि जाति आधारित गणना से क़ानून व्यवस्था कैसे सुधरेगी और स्कूलों के अंदर की अराजकता कैसे मिटेगी।

बिहार से और ख़बरें

बीजेपी पर यह आरोप भी लगा था कि उसने 'यूथ फॉर इक्वलिटी' जैसे संगठनों से मदद लेकर कोर्ट में याचिका डलवा कर जातीय गणना रुकवाने की कोशिश की।

भाजपा के राज्यसभा सांसद और नीतीश सरकार के मुखर विरोधी सुशील कुमार मोदी ने भी हाई कोर्ट के निर्णय का स्वागत करते हुए कहा कि बिहार में जातीय गणना कराने का निर्णय उस सरकार का था जिसमें भाजपा शामिल थी। उन्होंने इस बात का खंडन किया कि गणना के विरुद्ध याचिका दायर करने वालों का भाजपा से कोई संबंध है।

जनता दल (युनाइटेड) के राष्ट्रीय अध्यक्ष सांसद राजीव रंजन उर्फ ललन सिंह ने हाई कोर्ट के फैसले के बाद कहा कि भारतीय जनता पार्टी द्वारा जाति आधारित गणना रोकने का षड्यंत्र विफल हो गया और बिहार में जातीय गणना कराने का रास्ता साफ हुआ।

जातीय गणना के मामले में जनता दल (युनाइटेड) और राष्ट्रीय जनता दल उस समय भी एक मंच पर थे जब नीतीश कुमार भाजपा की मदद से सरकार चला रहे थे।

राज्य कैबिनेट से जब इस मामले का निर्णय पारित हुआ था तो राजद सरकार में नहीं था। इसीलिए सुशील कुमार मोदी यह कहते हैं कि आरजेडी को इसका श्रेय लेने का कोई हक नहीं है।

उप मुख्यमंत्री तेजस्वी यादव कहते हैं कि जब सुशील कुमार मोदी और भाजपा जातीय गणना के पक्ष में हैं तो केंद्र सरकार क्यों नहीं राष्ट्रीय स्तर पर जातीय गणना कराती है। हाई कोर्ट का फैसला आने के बाद तेजस्वी ने एक बार फिर देश में जाति गणना कराने की मांग कर दी है। उन्होंने आरोप लगाया कि भाजपा ने साजिश कर जातीय गणना पर स्टे लगाया था।

मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के साथ एक प्रतिनिधिमंडल प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से जातीय गणना कराने के लिए मिला था जिसमें तेजस्वी यादव समेत सभी दलों के नेता शामिल थे। उस समय भी यह कहा गया था कि राज्य सरकार चाहे तो ऐसी गणना कराए लेकिन राष्ट्रीय स्तर पर ऐसी गणना के लिए मोदी सरकार तैयार नहीं हुई थी।

ख़ास ख़बरें

हाई कोर्ट के इस आदेश के बाद विपक्षी गठबंधन 'इंडिया' भी जातीय गणना को राष्ट्रीय मुद्दा बनाने की कोशिश करे तो किसी को ताज्जुब नहीं होगा। कांग्रेस नेता राहुल गांधी जातीय गणना के पक्ष में बयान दे चुके हैं। बहुत से राजनीतिक विश्लेषक मानते हैं कि जातीय गणना भारतीय जनता पार्टी की हिंदुत्व की राजनीति का एक तोड़ हो सकता है और आने वाले महीनों में नीतीश कुमार इस बारे में और मुखर होकर बात करेंगे।

हाई कोर्ट के आदेश के बाद राज्य सरकार जातीय गणना का बाकी बचा 20% काम जल्द से जल्द पूरा करना चाहेगी और जब तक यह मामला सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई के लिए पहुंचेगा तब तक काफी देर हो चुकी होगी।

मुख्यमंत्री नीतीश कुमार जब जातीय गणना के परिणामों की घोषणा करने की स्थिति में आ जाएंगे तो न सिर्फ बिहार बल्कि राष्ट्रीय राजनीति में भी एक बड़े परिवर्तन की शुरुआत हो सकती है।

सत्य हिन्दी ऐप डाउनलोड करें

गोदी मीडिया और विशाल कारपोरेट मीडिया के मुक़ाबले स्वतंत्र पत्रकारिता का साथ दीजिए और उसकी ताक़त बनिए। 'सत्य हिन्दी' की सदस्यता योजना में आपका आर्थिक योगदान ऐसे नाज़ुक समय में स्वतंत्र पत्रकारिता को बहुत मज़बूती देगा। याद रखिए, लोकतंत्र तभी बचेगा, जब सच बचेगा।

नीचे दी गयी विभिन्न सदस्यता योजनाओं में से अपना चुनाव कीजिए। सभी प्रकार की सदस्यता की अवधि एक वर्ष है। सदस्यता का चुनाव करने से पहले कृपया नीचे दिये गये सदस्यता योजना के विवरण और Membership Rules & NormsCancellation & Refund Policy को ध्यान से पढ़ें। आपका भुगतान प्राप्त होने की GST Invoice और सदस्यता-पत्र हम आपको ईमेल से ही भेजेंगे। कृपया अपना नाम व ईमेल सही तरीक़े से लिखें।
सत्य अनुयायी के रूप में आप पाएंगे:
  1. सदस्यता-पत्र
  2. विशेष न्यूज़लेटर: 'सत्य हिन्दी' की चुनिंदा विशेष कवरेज की जानकारी आपको पहले से मिल जायगी। आपकी ईमेल पर समय-समय पर आपको हमारा विशेष न्यूज़लेटर भेजा जायगा, जिसमें 'सत्य हिन्दी' की विशेष कवरेज की जानकारी आपको दी जायेगी, ताकि हमारी कोई ख़ास पेशकश आपसे छूट न जाय।
  3. 'सत्य हिन्दी' के 3 webinars में भाग लेने का मुफ़्त निमंत्रण। सदस्यता तिथि से 90 दिनों के भीतर आप अपनी पसन्द के किसी 3 webinar में भाग लेने के लिए प्राथमिकता से अपना स्थान आरक्षित करा सकेंगे। 'सत्य हिन्दी' सदस्यों को आवंटन के बाद रिक्त बच गये स्थानों के लिए सामान्य पंजीकरण खोला जायगा। *कृपया ध्यान रखें कि वेबिनार के स्थान सीमित हैं और पंजीकरण के बाद यदि किसी कारण से आप वेबिनार में भाग नहीं ले पाये, तो हम उसके एवज़ में आपको अतिरिक्त अवसर नहीं दे पायेंगे।
समी अहमद
सर्वाधिक पढ़ी गयी खबरें

अपनी राय बतायें

बिहार से और खबरें

ताज़ा ख़बरें

सर्वाधिक पढ़ी गयी खबरें