RJD इसी तरह छोड़ी थीः पूर्व केंद्रीय मंत्री, जिन्होंने दरभंगा से लोकसभा टिकट से इनकार के बाद आरजेडी से अपना 30 साल का नाता तोड़ लिया था। तब उन्होंने कहा था, आरजेडी "मनीबैग" के बोझ तले दब गई है। उन्होंने कहा था कि वह तेजस्वी यादव द्वारा मधुबनी लोकसभा सीट से चुनाव लड़ने की उनकी इच्छा पर प्रतिक्रिया देने के अभद्र और असभ्य तरीके से आहत थे।
चार बार के सांसद और पूर्व केंद्रीय मंत्री मोहम्मद अली अशरफ फातमी, जिन्होंने 2019 अप्रैल में आरजेडी छोड़ दिया था,जेडीयू में शामिल होते हुए कहा था कि वो अल्पसंख्यक समुदाय के बीच काम करना चाहते हैं, ताकि वे अपने "चिंतन" को अपने साथ जोड़ सकें।
चुनाव आयोग ने चुनाव की तारीखों का ऐलान कर दिया है। कुल सात चरणों में मतदान होना है। बिहार में सभी सातों चरणों में वोट डाले जाएंगे। नीतीश कुमार ने जब से आरजेडी और कांग्रेस का साथ छोड़कर भाजपा से गठबंधन किया है, तभी से बिहार में सभी राजनीतिक समीकरण बदल गए हैं।
बताया जाता है कि नाखुश भाजपा विधायकों के एक समूह ने रविवार रात पार्टी विधायक राजू सिंह के आधिकारिक आवास पर एक बंद कमरे में बैठक की। हालांकि राजू सिंह इसे आधिकारिक तौर पर स्वीकार करने को तैयार नहीं हैं, लेकिन कहा जा रहा है कि कथित तौर पर कम से कम 10-11 भाजपा विधायक उस बैठक में शामिल हुए थे। विधायकों में से एक मिश्री लाल यादव ने बैठक में भाग लेने के बाद कुछ पत्रकारों से कहा कि कैबिनेट विस्तार में उन्हें नजरअंदाज किए जाने से पार्टी विधायकों में नाराजगी है। यादव के हवाले से कहा गया, "न केवल पार्टी के कुछ विधायक कैबिनेट में शामिल नहीं किए जाने और उनके स्थान पर एमएलसी लिए जाने से नाराज हैं, बल्कि और भी वजहों से विधायक नाराज हैं।"
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