बिहार में जहाँ 16 सितंबर को क़रीब 86 हज़ार टीके लगाए गए वहीं एक दिन बाद प्रधानमंत्री मोदी के जन्मदिन पर 33 लाख से ज़्यादा टीके कैसे लग गए? या फिर उसके एक दिन बाद क़रीब दो लाख और दूसरे दिन डेढ़ लाख से भी कम क्यों खुराक लगाई गई? इस बीच मध्य प्रदेश में तो रिकॉर्ड टीकाकरण के दिन ऐसी गड़बड़ी भी सामने आई थी कि जिनकी मौत कोरोना से 4 महीने पहले भी हो गई थी उनको टीका लगाया हुआ बता दिया गया था।