बिहार की राजनीति किस तरफ जा रही है, उसके बारे में पहले से कोई भविष्यवाणी नहीं की जा सकती। लेकिन भाजपा की गतिविधियों में इजाफा होता जा रहा है। भाजपा के बिहार इंचार्ज विनोद तावड़े शनिवार को पटना पहुंच गए हैं। पार्टी ने अचानक ही दो दिन की कार्यकारिणी बैठक बुला ली है। शनिवार शाम साढ़े चार बजे भाजपा विधायकों और सांसदों की बैठक बुलाई गई है। कांग्रेस ने पूर्णिया में पार्टी की बैठक बुलाई है। जिसमें बिहार राजनीति के मौजूदा हालात पर विचार होगा। हालांकि इसका संबंध राहुल गांधी की भारत जोड़ो न्याय यात्रा से भी है। इसी तरह आरजेडी ने अपने विधायकों को पटना में जमा कर रखा है।
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पिछले तीन दिनों से बिहार में राजनीति पलट रही है। लेकिन मुख्यमंत्री और जेडीयू प्रमुख नीतीश कुमार चुप हैं। सोशल मीडिया पर उनका वीडियो बयान वायरल है, जिसमें वो कह रहे हैं कि मर जाऊंगा लेकिन भाजपा के साथ नहीं जाऊंगा। लेकिन नीतीश कुमार की ओर से कोई आधिकारिक बयान नहीं है। टीवी चैनल की खबरों पर विश्वास किया जाए तो मानना पड़ेगा कि बस, नीतीश भाजपा की गोद में पलटी मारने वाले हैं।
इंडिया टुडे टीवी को सूत्रों ने बताया कि बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार शनिवार को इस्तीफा दे सकते हैं और कई कांग्रेस विधायक उनके साथ जाएंगे।
नीतीश कुमार के महागठबंधन सरकार से अलग होने और भाजपा में फिर से शामिल होने की अटकलें तेज हैं।
इससे पहले, सूत्रों ने इंडिया टुडे टीवी को बताया था कि नीतीश कुमार रविवार को जेडीयू-बीजेपी गठबंधन के मुख्यमंत्री के रूप में शपथ ले सकते हैं, जबकि बीजेपी नेता सुशील कुमार मोदी उपमुख्यमंत्री के रूप में लौटेंगे। हालांकि ये सारी खबरें सूत्रों के नाम पर चलाई जा रही हैं। कहीं से कोई पक्ष पुष्टि नहीं कर रहा। भाजपा ऐसे पेश आ रही है, जैसे इस खेल की किंगमेकर वही है। उसके नेताओं के बयान भी सांकेतिक रूप में आ रहे हैं।
टीवी मीडिया को सूत्र लगातार बता रहे हैं कि नीतीश कुमार भाजपा के शीर्ष नेतृत्व के संपर्क में लगातार हैं। इसके लिए सूत्र शुक्रवार को राजभवन की हाई टी इवेंट का हवाला दे रहे हैं, जिसमें नीतीश भाजपा नेताओं से हंसी मजाक करते देखे गए। इस कार्यक्रम में आरजेडी नेता तेजस्वी यादव नहीं पहुंचे। इस बीच उपेंद्र कुशवाहा का बयान आ गया है। जानिए वो क्या कह रहे हैं-
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नीतीश कुमार ने एक ऐसी छवि बनाई है जहां हर कोई अनुमान लगाता रहता है कि वह किस गठबंधन में शामिल होंगे और कब। हालाँकि, संकेत बताते हैं कि नीतीश आरजेडी के साथ बिल्कुल भी सहज नहीं हैं, ऐसा लगता है जैसे उनका वहां (महागठबंधन में) दम घुट रहा है।
- उपेंद्र कुशवाहा, पूर्व केंद्रीय मंत्री सोर्सः हिन्दुस्तान टाइम्स
बिहार आरजेडी नेता मृत्युंजय तिवारी ने एएनआई से कहा- ''नीतीश-तेजस्वी सरकार बिहार में मजबूती से काम कर रही है और आगे भी करती रहेगी। यह सरकार बिहार के हित के लिए काम कर रही है। जब इनके दिलों में दूरियां नहीं तो फिर इनके बीच दूरियां कुर्सियाँ मायने नहीं रखतीं...भाजपा 2024 (आम चुनाव) को लेकर डरी हुई है और यही कारण है कि वे सभी के लिए दरवाजे खोल रही हैं...भ्रम की वर्तमान स्थिति को समाप्त किया जाना चाहिए।''
बिहार के मौजूदा राजनीतिक हालात पर आरजेडी सांसद मनोज कुमार झा कहते हैं, ''यह सब अफवाह है। और इस अफवाह से जो बेचैनी पैदा हुई है, उसे सिर्फ सीएम नीतीश कुमार ही संभाल सकते हैं...बिहार पूरे देश में चर्चा में है। मुझे कोई दरार नहीं दिख रही है। अंत में, इस 'महागठबंधन' के प्रमुख नीतीश कुमार हैं। लालू प्रसाद और तेजस्वी यादव ने नींव रखी, जिसका उद्देश्य पीएम मोदी द्वारा की जा रही नफरत की राजनीति को हराना था...।"
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