एनडीए बिहार का अगला विधानसभा चुनाव मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के नेतृत्व में ही लड़ेगा, अमित शाह की यह घोषणा क्या सिर्फ़ दोनों दलों के नेताओं के बीच युद्ध विराम का एलान है? क्या इसके बाद दोनों दलों के कार्यकर्ता और नेता वाकई कंधे से कंधा मिला कर चुनाव लड़ेंगे?