कल्पना सोरेन
जेएमएम - गांडेय
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गीता कोड़ा
बीजेपी - जगन्नाथपुर
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प़त्रकारिता से राजनीति में आये जदयू के एक युवा नेता ने रविवार की देर रात अपने फ़ेसबुक पर एक वाक्य का संदेश दिया है- 'पिक्चर अभी बाकी है।'
यह संदेश बिहार विधानसभा चुनाव लोक जनशक्ति पार्टी के नीतीश कुमार के नेतृत्व में नहीं लड़ने और इस बहाने एनडीए से बाहर होने के फ़ैसले पर आया है।
नीतीश कुमार बिहार की राजनीति के 'चाणक्य' कहे जाते हैं, लेकिन कई बार उन्हें चक्रव्यूह में फंसे अभिमन्यु वाली स्थिति का सामना करना पड़ा है। 2015 में लालू प्रसाद के आरजेडी के साथ विधानसभा चुनाव लड़कर उन्होंने अपने उसी प्लान के बारे में परिचय दिया था। जदयू के कार्यकर्ता कहते हैं कि नीतीश जब तक चुप रहें तो समझिए कि वे प्लान 'बी' पर काम कर रहे हैं।
फ़िलहाल उनके प्रवक्ता और अन्य पार्टी नेता माहौल तैयार करेंगे।
जदयू के प्रवक्ता एनडीए से लोजपा के निकलने और बीजेपी के ख़िलाफ़ उम्मीदवार नहीं खड़ा करने के उसके फ़ैसले पर अभी बहुत ही सधे हुए बयान दे रहे हैं। लेकिन नीतीश कुमार पर लोजपा के हमले का वे तुर्की-ब-तुर्की जवाब दे रहे हैं।
लोजपा के बयान और बीजेपी की उस पर चुप्पी नीतीश कुमार और जदयू के लिए कई स्पष्ट संकेत हैं। लोजपा अध्यक्ष चिराग पासवान ने नीतीश कुमार सरकार पर खुलकर हमले किये हैं।
क्या नीतीश कुमार को मुख्यमंत्री नहीं देखने की यह इच्छा लोजपा की है या इसमें बीजेपी भी शाामिल है, सवाल यह है। लोजपा हमेशा बीजेपी से अपने अच्छे रिश्ते का हवाला देती है।
जदूय के नेता अंदरूनी तौर पर मानते हैं कि इस खेल में बीजेपी शामिल है, लेकिन वह सामने नहीं आना चाहती। रविवार को नीतीश कुमार का नेतृत्व अस्वीकार करने और जदयू के ख़िलाफ़ उम्मीदवार खड़े करने की घोषणा पर भी बीजेपी के नेता कुछ नहीं बोल रहे। जदयू ने हमेशा यह कोशिश है कि बीजेपी का नेतृत्व बिहार में नीतीश कुमार को एनडीए का चेहरा माने। इसके जवाब में अमित शाह से लेकर जेपी नड्डा तक बिहार के दौरे में यह घोषणा करते रहे हैं कि बिहार में एनडीए नीतीश कुमार के नेतृत्व में चुनाव लड़ेगा।
चिराग पासवान और लोजपा के दूसरे नेता बीजेपी से अपने संबंधों को मजबूत बताते हुए कहते हैं कि वे प्रधानमंत्री मोदी के हाथों को मजबूत करेंगे। बीजेपी के साथ और जदयू के विरोध की इस नीति के बारे में जदयू के नेता खुलकर कुछ नहीं बोल रहे। उनका एक नीति वाक्य रहता है कि बीजेपी और जदयू बड़े दल हैं और दोनों मजबूती से चुनाव लड़ेंगे।
अलबत्ता जदयू के नेताओं का कहना है कि पार्टी का शीर्ष नेतृत्व लोजपा के इस जदयू विरोध नीति का मुद्दा प्रधानमंत्री मोदी और बीजेपी अध्यक्ष जेपी नड्डा के सामने उठाएंगे।
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