प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने राष्ट्रीय जनता दल, लालू प्रसाद यादव या तेजस्वी यादव का नाम लिए बग़ैर एक बार फिर उनके परिवार पर हमला बोला है और ज़ोर देकर कहा है कि ये सिर्फ़ अपने परिवार के बारे में ही सोचते हैं, उन्हें बिहार की जनता से कोई मतलब नहीं है।
नरेंद्र मोदी ने बिहार के छपरा में चुनाव रैली में कहा, “कुछ लोग सिर्फ अपने परिवार के बारे में सोचते हैं, उसके लिए ही काम करते हैं, उन्हें बिहार की जनता से कोई मतलब नहीं।”
'डबल युवराज'
मोदी ने कहा कि पहले चरण के मतदान में बिहार की जनता ने अपने परिवार के ही बारे में सोचने वालों को खारिज कर दिया है और जनता दल-बीजेपी को वोट दिया है। इससे विपक्ष बौखलाया हुआ है। उन्होंने यह भी कहा कि पहले चरण में बहुत ज़बरदस्त वोटिंग हुई है, बहुत बड़ी तादाद में लोगों ने वोट दिया। बता दें कि चुनाव आयोग ने पहले चरण के मतदान में 54 प्रतिशत मतदान होने की बात कही है।नरेंद्र मोदी ने एक बार जंगलराज के युवराज की बात कही। उन्होंने तंज के साथ कहा,
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“बिहार में हमारी डबल इंजन की सरकार है, उसके मुखातिब यहां डबल युवराज हैं। इनमें से एक युवराज तो जंगल राज का युवराज है।”
नरेंद्र मोदी, प्रधानमंत्री
मोदी ने तंज के साथ कहा, “उत्तर प्रेदश में भी दो युवराज गए, लोगों ने उन्हें खारिज कर दिया तो उसमें एक युवराज बिहार आकर यहां के जंगलराज के युवराज से मिल गया।” उन्होंने अपील की कि बिहार की जनता इन डबल युवराजों को खारिज कर दे। समझा जाता है कि मोदी के डबल युवराज का मतलब तेजस्वी यादव-राहुल गांधी की जोड़ी है।
जंगलराज
प्रधानमंत्री ने बार-बार जंगलराज की बात कही और ज़ोर दिया कि उस दौरान बिहार में कोई विकास कार्य नहीं हुआ, क्योंकि ठेकेदारों को काम शुरू करने के लिए पैसे देने पड़ते थे, इंजीनियरों का अपहरण हो जाता था। इस कारण तमाम उद्योग-धंधे बंद हो गए।
मोदी ने जंगलराज की चर्चा करते हुए पहली बार वोट देने वालों को निशाना बनाया। उन्होंने कहा कि इन लोगों को यह नहीं पता कि जंगलराज क्या था, कैसा था, उन्हें बताने की ज़रूरत है, समझाने की ज़रूरत है ताकि वे लालटेन का अंधेरा वापस न आने दें।
लालटेन राष्ट्रीय जनता दल का चुनाव चिह्न है।
बिहार के इस भोजपुरी भाषी इलाके में मोदी ने रघुवंश प्रसाद सिंह की भी चर्चा की और कहा कि कुछ लोगों ने अपने फ़ायदे के लिए उन्हें बुरी तरह अपमानित किया। मोदी बीच बीच में नीतीश का नाम लेते रहे और यह दुहराते रहे कि उनके कार्यकाल में ही विकास हुआ, वे ही मुख्यमंत्री बनेंगे।
प्रधामंत्री ने कोरोना का मुद्दा भी उठाया और कहा कि अमेरिका की आबादी जितनी है, भारत सरकार ने उतने लोगों को मुफ़्त भोजन उपलब्ध कराया। इसी तरह उन्होंने केंद्र सरकार की तमाम योजनाओं का उल्लेख किया और कहा कि बिहार को इसका फायदा मिला है।
छठ को भुनाने की कोशिश
नरेंद्र मोदी ने बिहार के लोगों की भावनाओं की भी भुनाने की कोशिश की। उन्होंने इसके लिए छठ पूजा का इस्तेमाल किया। उन्होंने कहा, “बिहार की हमारी माताएं छठ कैसे मनाएंगी, यह सवाल था। लेकिन उन्होंने दिल्ली में अपने बेटे को बैठाया है तो उन्हें इसकी चिंता की ज़रूरत नहीं है।” इसके साथ ही उन्होंने कहा, “मेरी माँ, छठ मनाओ, तुम्हारा बेटा भूखा नहीं रहेगा, इसके लिए अनाज भेजा जा चुका है।” मोदी ने गंगा की सफाई अभियान को भी छठ से जोड़ा और कहा कि लोग साफ गंगा जी के किनारे छठ पूजा कर सकेंगे। इसके साथ ही उन्होंने गंगा मिशन की विस्तार से जानकारी दी।जिस समय मोदी छठ की बात कह रहे थे, कुछ लोगों ने 'जय श्रीराम' के नारे लगाए। बीच-बीच में 'मोदी, मोदी' के नारे भी लगते रहे।
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