बिहार के अररिया जिले में शुक्रवार तड़के अज्ञात लोगों ने एक पत्रकार की गोली मारकर हत्या कर दी। घटना रानीगंज बाजार इलाके की है। एक हिंदी दैनिक के लिए काम करने वाले विमल कुमार यादव (35) की प्रेमनगर गांव में उनके आवास पर ही गोली चलाई गई।
बिहार पुलिस ने ट्वीट किया, 'हमलावरों ने सुबह करीब 5.30 बजे यादव के घर का गेट खटखटाया और जैसे ही उन्होंने गेट खोला, उन पर गोलियां चला दीं।'
अररिया के रानीगंज थाना अंतर्गत दिo 18.08.23 को करीब 05ः30 बजे ग्राम-प्रेमनगर में विमल कुमार (35 वर्ष), सा0-प्रेमनगर को अज्ञात अपराधकर्मियों के द्वारा उनके दरवाजे पर जाकर आवाज देकर बुलाया गया और गोली मार दी गई, जिससे विमल यादव की मृत्यु हो गई।(1/3)#BiharPolice
— Bihar Police (@bihar_police) August 18, 2023
द इंडियन एक्सप्रेस की रिपोर्ट के अनुसार अररिया के पुलिस अधीक्षक अशोक कुमार सिंह ने कहा, 'शव को पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया गया है। जांच चल रही है। फोरेंसिक विशेषज्ञों और डॉग स्क्वायड को बुलाया गया है। बताया जा रहा है कि मृतक का पड़ोसी से पुराना विवाद चल रहा था। सभी पहलुओं की जांच की जा रही है'।
एनडीटीवी की रिपोर्ट के अनुसार दो साल पहले पीड़िता के भाई, जो सरपंच थे, की भी इसी तरह हत्या कर दी गई थी। इस मामले में विमल कुमार यादव मुख्य गवाह थे और संदेह है कि उनकी हत्या भी इससे जुड़ी हो सकती है। यादव ने कथित धमकियों के बावजूद अदालत में चल रहे मुकदमे के दौरान अपने भाई के हत्यारे के खिलाफ गवाही दी।
हालाँकि, विपक्ष ने सरकार पर हमला बोला और दावा किया कि इस घटना से पता चलता है कि बिहार में लोकतंत्र खतरे में है। प्रदेश भाजपा अध्यक्ष सम्राट चौधरी ने आरोप लगाया, 'अपराधी खुलेआम घूम रहे हैं जबकि बिहार में पत्रकारों और यहां तक कि पुलिस कर्मियों सहित निर्दोष नागरिकों की हत्या की जा रही है।' उन्होंने कहा, "अररिया में जो हुआ वह वास्तव में दुखद है। लेकिन मुख्यमंत्री नीतीश कुमार और राजद सुप्रीमो लालू प्रसाद के नेतृत्व वाले 'घमंडिया' महागठबंधन के राज्य में सरकार बनने के बाद से ऐसी घटनाएं आम हो गई हैं।"
लोक जनशक्ति पार्टी के पूर्व अध्यक्ष चिराग पासवान ने कहा, 'नीतीश कुमार और उनके सहयोगी चिल्लाते रहते हैं कि बिहार में लोकतंत्र पर हमला हो रहा है। लेकिन वे चौथे खंभे की रक्षा करने में असमर्थ हैं।'
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