महात्मा बुद्ध से लेकर महात्मा गाँधी जैसे महापुरुषों की कर्मस्थली रहा देश का सबसे प्राचीन और समृद्ध राज्य बिहार गत 15 वर्षों में हुए अनेक मूलभूत विकास कार्यों के बावजूद अभी भी देश के पिछड़े राज्यों में ही गिना जाता है। आज भी बिहार के शिक्षित व अशिक्षित युवा रोज़ी-रोटी की तलाश में देश के अन्य राज्यों में जाने के लिए मजबूर हैं। महाराष्ट्र जैसे राज्य में तो बिहार के लोगों की संख्या इतनी अधिक हो चुकी है कि क्षेत्रीय मराठा राजनीति करने वाले नेता उत्तर भारतीयों (विशेषकर बिहार के लोग) के विरोध के नाम पर ही मराठा मतों के ध्रुवीकरण की राजनीति करते हैं।