बिहार में नीतीश कुमार की सरकार ने विधानसभा में विश्वास मत हासिल कर लिया है। नीतीश सरकार के पक्ष में 129 वोट मिले हैं। इस मतदान का विपक्ष ने बहिष्कार किया है।
इससे पहले सोमवार को नीतीश सरकार के विश्वास मत पर मतदान से पहले ही विपक्ष ने वॉकआउट कर दिया। इसके बाद विधानसभा उपाध्यक्ष माहेश्वर हजारी ने घोषित किया कि ध्वनि मत के आधार पर विश्वास मत हासिल हो गया है। इसके बाद जदयू के वरिष्ठ नेता विजय चौधरी और सीएम नीतीश कुमार ने उनसे मांग करते हुए कहा कि विश्वास मत पर मतदान हो जाना चाहिए। इसके बाद विधानसभा उपाध्यक्ष ने मतदान कराने की घोषणा कर दी।
बिहार विधानसभा के अध्यक्ष या यानी स्पीकर अवध बिहारी चौधरी के खिलाफ विधानसभा में पेश हुआ अविश्वास प्रस्ताव पास हो गया है। वह राजद के कोटे से विधानसभा अध्यक्ष बने थे। उनको हटा कर एनडीए ने फ्लोर टेस्ट से पहले ही बड़ी कामयाबी हासिल कर ली थी।
बिहार विधानसभा में राज्यपाल के अभिभाषण के बाद विधानसभा के अध्यक्ष अवध बिहारी चौधरी को हटाने की प्रक्रिया शुरू हुई। इस पर हुए मतदान में अविश्वास प्रस्ताव पास हुआ। इसके साथ ही अवध बिहारी चौधरी अब विधानसभा अध्यक्ष के पद से हट गए हैं। मतदान में उनके खिलाफ लाए गए अविश्वास प्रस्ताव के पक्ष में 125 वोट और विपक्ष में 112 वोट पड़े हैं।
अविश्वास प्रस्ताव पर मतदान से पहले अवध बिहारी चौधरी ने कहा कि राजनीति तो आंकड़ों का खेल है। मैंने पूरी निष्ठा से अपना कर्तव्य निभाया है। यह कह कर उन्होंने अपनी कुर्सी छोड़ दी थी।
विधानसभा अध्यक्ष के खिलाफ एनडीए गठबंधन ने अविश्वास का संकल्प दिया गया था। उनके ख़िलाफ़ अविश्वास प्रस्ताव पास होने के बाद सीएम नीतीश कुमार ने विधानसभा में अपना विश्वास मत पेश किया।
अपने विधायकों को एकजुट रखने के लिए दोनों ही पक्ष पूरी कोशिश पिछले कई दिनों से कर रहे थे। दोनों ही पक्ष इस आशंका से डरें हुए थे कि उनके विधायकों की खरीद फरोख्त हो सकती है।
राष्ट्रीय जनता दल या राजद विधानसभा से लेकर सड़क तक पर नीतीश कुमार की सरकार के खिलाफ जबरदस्त मोर्चाबंदी किए हुए था। विधानसभा में जैसे ही राज्यपाल का अभिभाषण शुरू हुआ उसके कुछ देर बाद ही तेजस्वी यादव जिंदाबाद के नारे लगे।
विश्वास प्रस्ताव पर मतदान से पहले राजद के विधायकों को तेजस्वी यादव के आवास पर रखा गया था। यहां से इन्हें बिहार विधानसभा लाया गया है। सूत्रों का दावा है कि एक तरफ राजद ने अपने विधायकों को बचाने की पूरी कोशिश की है वहीं दूसरी तरफ उसने एनडीए के विधायकों को तोड़ने की भी कोशिश की थी।
दूसरी तरफ पटना में विधानसभा के आसपास राजद कार्यकर्ता भी घंटों डटे रहे हैं। खबर है कि विधानसभा के बाहर हंगामा कर रहे आरजेडी कार्यकर्ताओं पर पुलिस ने लाठीचार्ज किया है। पटना के आर ब्लॉक गोलंबर पर सरकार के खिलाफ प्रदर्शन कर रहे कई राजद कार्यकर्ताओं को पुलिस ने हिरासत में लिया है।
राजद के तीन विधायकों ने बदला पाला
बिहार विधानसभा में नीतीश कुमार के फ्लोर टेस्ट से पहले राजद को बड़ा झटका लगा है। मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक उसके तीन विधायक टूटकर नीतीश कुमार के पाले में चले गए हैं। राजद विधायक चेतन आनंद, नीलम देवी और प्रह्लाद कुमार विधानसभा में सत्ता पक्ष के विधायकों के साथ बैठे हुए थे। इस बीच अविश्वास प्रस्ताव पर हुई चर्चा में तेजस्वी यादव ने नीतीश कुमार और उनकी सरकार पर तीखे हमले किए। उन्होंने कहा कि क्या मोदी जी गारंटी वाले बताएंगे कि मुख्यमंत्री फिर पलटेंगे या नहीं। उन्होंने कहा कि खैर हमको चिंता नहीं है। आप लोगों की खूब जोड़ी है।
इस दौरान तेजस्वी यादव का दर्द भी छलका। उन्होंने कहा कि नीतीश जी कम से कम एक बार बुला कर बोल देते। हम आपको कभी कुछ कहे हैं? हमने अच्छे पलों को जीवन भर मन में संजो कर रखें हैं। तेजस्वी ने कहा कि हमारे मंत्रियों से कोई दिक्कत थी तो हमको कहते, हम बाहर से आपको समर्थन दे देते। कोई भी आपको हिला नहीं सकता था। हम तो आपको अपना परिवार जैसा मानते हैं। आप तो झंडा लेकर चले थे कि मोदी को देश में रोकेंगे। आज आपका यह भतीजा ऐलान करता है कि मोदी जी को बिहार में रोकेंगे।
तेजस्वी यादव ने कहा कि भाजपा भारत रत्न का सम्मान नहीं करती डीलिंग करती है। इसलिए इसने कर्पूरी जी को भारत रत्न दिया। तेजस्वी ने कहा कि हमलोग घबराते नहीं हैं। हम संघर्ष करते हैं। मुख्यमंत्री नीतीश कुमार कहते हैं कि सरकार में हुए काम का क्रेडिट ले रहा है। मेरा विभाग, मेरा मंत्री तो क्रेडिट क्यों न लें। जो काम होगा उसका क्रेडिट क्यों न लें?
नीतीश सरकार के विश्वास मत पर चर्चा के दौरान तेजस्वी यादव ने मांग रखी कि पुरानी पेंशन स्कीम को जरूर लागू करवाया जाए। उन्होंने इस मौके पर कहा कि, कोई आए या न आए, वक्त आयेगा और तेजस्वी जरूर आयेगा।
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