कांग्रेसमुक्त भारत का नारा देनेवाले नरेंद्र मोदी को क्या अब मोदीमुक्त भारत के लिए तैयार होना होगा? इन पाँचों राज्यों में अभी जो चुनाव लड़े गए हैं, वे किसके नाम पर लड़े गए हैं? किस चेहरे को सबसे बड़ा चेहरा दिखाया गया है? किसकी उपलब्धियों के ढोल पीटे गए हैं? उन नेताओं के नहीं, जो इन प्रदेशों के मुख्यमंत्री थे या पार्टी-अध्यक्ष थे। बल्कि नरेंद्र मोदी और अमित शाह के! मोदी और शाह से भी वरिष्ठ रहे बीजेपी के नेताओं को भी इन चुनावों में कोई ख़ास महत्व नहीं मिला। तो अब जो नतीजे आए हैं, उनका ठीकरा आप किसके माथे पर फोड़ेंगे?