असम-मिज़ोरम सीमा पर दोनों राज्यों के बीच हुई झड़प और उसमें असम पुलिस के छह लोगों के मारे जाने के बाद अब शांति लौट रही है।
मिज़ोरम के मुख्य सचिव ने बुधवार को एलान किया कि वे अपनी पुलिस को विवादित क्षेत्र से लौट आने का आदेश दे चुके हैं।
दोनों राज्यों के मुख्य सचिवों और पुलिस महानिदेशकों की नई दिल्ली में गृह मंत्रालय के अफ़सरों के साथ हुई बैठक के बाद मिज़ोरम के मुख्य सचिव ने यह फ़ैसला लिया।
उन्होंने कहा, "हम शांति बनाए रखेंगे।"
नई दिल्ली में बैठक
केंद्रीय गृह सचिव अजय भल्ला ने इस बैठक की अध्यक्षता की। इसमें असम के मुख्य सचिव जिष्णु बरुआ और पुलिस महानिदेशक भास्कर ज्योति महंत मौजूद थे।
इसके अलावा इस बैठक में मिज़ोरम के मुख्य सचिव ललनुमाविया चुआनगो और पुलिस महानिदेशक एस. बी. के. सिंह ने भी भाग लिया।
बैठक के बाद गृह मंत्रालय ने एक बयान में कहा,
“
हम असम- मिज़ोरम विवाद से चिंतित हैं जिसमें छह लोगों की जान गई है। इस बैठक का मक़सद तनाव कम करना, शांति कायम करना और संभव हो तो समस्या का समाधान ढूंढना है।
केंद्रीय गृह मंत्रालय
इस बैठक में केंद्रीय रिज़र्व पुलिस बल के महानिदेशक भी मौजूद थे। विवादित क्षेत्र में सीआरपीएफ़ को तैनात कर दिया गया है।
छह पुलिस कर्मी मारे गए
बता दें कि सोमवार को दिनों राज्यों की सीमा पर हुई झड़प में असम पुलिस के सब इंस्पेक्टर स्वपन राय और कांस्टेबल लिटन सुक्लावैद्य, एम. एच. बड़ोभुया, एन. हुसैन और एस बड़ोभुया मारे गए।
असम के मुख्यमंत्री ने मारे गए पुलिस कर्मियों के प्रति संवेदना जताई और कहा, 'पक्के साक्ष्य हैं जिससे पता चलता है कि मिज़ोरम पुलिस ने लाइट मशीनगन का इस्तेमाल किया।'
क्या कहना है असम का?
असम पुलिस के एक वरिष्ठ अधिकारी ने कहा है कि 10 जुलाई को मिज़ोरम के 25-30 लोग असम की सीमा के 25 मीटर अंदर खुलीचेरा सीआरपीएफ कैंप में घुस गए।
यह आरोप भी लगाया गया है कि मिज़ोरम से आए लोगों ने असम में जंगल साफ करने के काम और पीडब्लूडी के सड़क निर्माण काम में अड़चन डाली।
असम के मुख्यमंत्री ने कहा है कि वे इनर लाइन फ़ॉरेस्ट रिज़र्व की सुरक्षा के लिए सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर करेंगे।
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