loader

वाईएस राजशेखर रेड्डी से अपना जुड़ाव क्यों बता रहे हैं राहुल गांधी ? 

कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने शनिवार को आंध्र प्रदेश के कडप्पा में एक चुनावी सभा को संबोधित किया। इसमें उन्होंने भावुक होकर आंध्र प्रदेश के पूर्व कांग्रेसी सीएम और मौजूद सीएम वाईएस जगमोहन रेड्डी के पिता स्वर्गीय वाईएस राजशेखर रेड्डी को याद किया है। 
उन्होंने उनसे अपना जुड़ाव बताया है। आंध्र प्रदेश पहुंच राहुल गांधी ने वाईएसआर घाट पहुंच कर स्वर्गीय राजशेखर रेड्डी को श्रद्धांजलि भी अर्पित की है। इस दौरान उनके साथ जगन मोहन रेड्डी की बहन वाईएस शर्मिला भी साथ थीं। 
राहुल गांधी ने वाईएस राजशेखर रेड्डी से अपना जुड़ाव बता कर आंध्र प्रदेश में मतदाताओं को प्रभावित करने की कोशिश की है। 
यहां चुनावी सभा में राहुल गांधी ने कहा कि राजनीति में अलग-अलग तरीके के रिश्ते होते हैं, लेकिन कुछ पारिवारिक रिश्ते भी होते हैं।
राजशेखर रेड्डी जी मेरे पिता के भाई थे। ये रिश्ता वर्षों पुराना है। राजशेखर रेड्डी जी ने आंध्र प्रदेश के साथ ही पूरे देश को रास्ता दिखाया था।
राजशेखर रेड्डी जी ने जैसी पदयात्रा की थी, 'भारत जोड़ो यात्रा' के लिए वही मेरी प्रेरणा थी। राजशेखर रेड्डी जी ने मुझसे कहा था कि तुम्हें भारत की पदयात्रा करनी चाहिए। पिताजी के न रहने के बाद उन्होंने मेरा मार्गदर्शन भी किया था।

उन्होंने कहा था जब हम पदयात्रा में जाते हैं, तभी हमें जनता की समस्या समझ आती है और दूसरों का दर्द, अपना दर्द ख़त्म कर देता है।

राहुल गांधी ने कहा कि राजशेखर रेड्डी जी की राजनीति सोशल जस्टिस और जनता के वेलफेयर के लिए थी, जो आज यहां नहीं बची। आज आंध्र प्रदेश में बदले की राजनीति चल रही है।

राजशेखर रेड्डी  दिल्ली में आंध्र प्रदेश की आवाज थे। आज आंध्र प्रदेश को बीजेपी की बी-टीम चलाती है। राजशेखर रेड्डी और कांग्रेस की विचारधारा कभी बीजेपी के साथ नहीं हो सकती है।

मगर जगन रेड्डी बीजेपी के खिलाफ कुछ नहीं कह पा रहे हैं, क्योंकि उनके ऊपर भ्रष्टाचार के केस हैं। यही हालत चंद्रबाबू नायडू की है।

दिल्ली की सरकार ने आंध्र प्रदेश की जनता से वादे किए थे, लेकिन एक भी वादे पूरे नहीं हुए। राहुल ने जनता से पूछा कि, क्या आपको स्पेशल स्टेटस, कोलावरम प्रोजेक्ट और कडप्पा स्टील प्लांट मिला? ये वादे इसलिए पूरे नहीं हुए क्योंकि आपकी सरकार बीजेपी के सामने सिर झुका देती है।   

राहुल गांधी ने कहा कि , मैंने हिंदुस्तान के किसी भी क्षेत्र में आपसे वादा नहीं मांगा है। लेकिन.. आज मैं अपनी बहन शर्मिला जी के लिए वादा मांग रहा हूं। 

मैं आंध्र प्रदेश की जनता से कहना चाहता हूं कि आप शर्मिला जी को लोकसभा भेजें। मैं चाहता हूं कि आंध्र प्रदेश की जनता की आवाज शर्मिला जी के रूप में लोकसभा में गूंजे। 

शर्मिला जी पर नरेंद्र मोदी का दबाव नहीं चलेगा, इसलिए आप मुझसे वादा करें कि आप इन्हें लोकसभा भेजेंगे। 

आंध्र प्रदेश से और खबरें

इससे कांग्रेस को क्या फायदा होगा 

आंध्र प्रदेश की राजनीति पर नजर रखने वाले राजनैतिक विशेषज्ञों का मानना है कि राहुल गांधी का वाईएस राजशेखर रेड्डी से जुड़ाव प्रदर्शित करने का एक बड़ा कारण राजनैतिक है। राहुल जानते हैं कि आंध्र प्रदेश में आज भी वाईएस राजशेखर रेड्डी एक बड़ी आबादी के दिल में बसते हैं। उनकी लोकप्रियता ही रही है कि उनके पुत्र जगन मोहन रेड्डी कांग्रेस से बगावत करने के बाद अपनी पार्टी बनाकर आज सत्ता में हैं। 

कांग्रेस राजशेखर रेड्डी की विरासत पर अपना दावा करना चाहती है। उसे समझ आ चुका है कि इसके बिना सत्ता में आना तो दूर वह सम्मानजनक मत प्रतिशत भी आंध्र में नहीं पा सकती है। 

मौजूदा समय में ही देखे तो आंध्र प्रदेश में मौजूदा लोकसभा और विधानसभा चुनाव एक साथ हो रहे हैं। इन चुनाव में कांग्रेस कहीं मुकाबले में नहीं दिख रही है। यहां मुख्य मुकाबला जगन मोहन रेड्डी की वाईएसआर कांग्रेस और चंद्रबाबू नायडू के नेतृत्व वाले एनडीए में है। यहां एनडीए में भाजपा के साथ ही पवन कल्याण की पार्टी जनसेना भी शामिल है। 
ऐसे में कांग्रेस ने आंध्र प्रदेश में अपनी खोई हुई जमीन को वापस पाने के लिए वाईएस राजशेखर रेड्डी से खुद को जोड़ने की कोशिश करनी शुरु कर दी है। चूंकि वाईएस राजशेखर रेड्डी कांग्रेस के वरिष्ठ नेता और कांग्रेस द्वारा बनाए गए आंध्र प्रदेश के पूर्व सीएम थे, ऐसे में कांग्रेस को लगता है उसे इसका लाभ अब भी मिल सकता है। 
इसी कड़ी में कुछ महीने पहले ही कांग्रेस ने वाईएस राजशेखर रेड्डी की बेटी वाईएस शर्मिला को पार्टी में शामिल करवाया था। उनके कांग्रेस में शामिल होने के बाद पार्टी को फायदा मिलने की उम्मीद है। 
कांग्रेस को उम्मीद है कि इन चुनाव में उसके मत प्रतिशत में बढ़ोतरी होगी। यह कितनी होगी यह तो 4 जून को पता चलेगा लेकिन कांग्रेस अभी आंध्र प्रदेश में अपनी जमीन तैयार करने के लिए संघर्ष करती दिख रही है। 
सत्य हिन्दी ऐप डाउनलोड करें

गोदी मीडिया और विशाल कारपोरेट मीडिया के मुक़ाबले स्वतंत्र पत्रकारिता का साथ दीजिए और उसकी ताक़त बनिए। 'सत्य हिन्दी' की सदस्यता योजना में आपका आर्थिक योगदान ऐसे नाज़ुक समय में स्वतंत्र पत्रकारिता को बहुत मज़बूती देगा। याद रखिए, लोकतंत्र तभी बचेगा, जब सच बचेगा।

नीचे दी गयी विभिन्न सदस्यता योजनाओं में से अपना चुनाव कीजिए। सभी प्रकार की सदस्यता की अवधि एक वर्ष है। सदस्यता का चुनाव करने से पहले कृपया नीचे दिये गये सदस्यता योजना के विवरण और Membership Rules & NormsCancellation & Refund Policy को ध्यान से पढ़ें। आपका भुगतान प्राप्त होने की GST Invoice और सदस्यता-पत्र हम आपको ईमेल से ही भेजेंगे। कृपया अपना नाम व ईमेल सही तरीक़े से लिखें।
सत्य अनुयायी के रूप में आप पाएंगे:
  1. सदस्यता-पत्र
  2. विशेष न्यूज़लेटर: 'सत्य हिन्दी' की चुनिंदा विशेष कवरेज की जानकारी आपको पहले से मिल जायगी। आपकी ईमेल पर समय-समय पर आपको हमारा विशेष न्यूज़लेटर भेजा जायगा, जिसमें 'सत्य हिन्दी' की विशेष कवरेज की जानकारी आपको दी जायेगी, ताकि हमारी कोई ख़ास पेशकश आपसे छूट न जाय।
  3. 'सत्य हिन्दी' के 3 webinars में भाग लेने का मुफ़्त निमंत्रण। सदस्यता तिथि से 90 दिनों के भीतर आप अपनी पसन्द के किसी 3 webinar में भाग लेने के लिए प्राथमिकता से अपना स्थान आरक्षित करा सकेंगे। 'सत्य हिन्दी' सदस्यों को आवंटन के बाद रिक्त बच गये स्थानों के लिए सामान्य पंजीकरण खोला जायगा। *कृपया ध्यान रखें कि वेबिनार के स्थान सीमित हैं और पंजीकरण के बाद यदि किसी कारण से आप वेबिनार में भाग नहीं ले पाये, तो हम उसके एवज़ में आपको अतिरिक्त अवसर नहीं दे पायेंगे।
क़मर वहीद नक़वी
सर्वाधिक पढ़ी गयी खबरें

अपनी राय बतायें

आंध्र प्रदेश से और खबरें

ताज़ा ख़बरें

सर्वाधिक पढ़ी गयी खबरें