पीएम मोदी ने मंगलवार को कहा है कि आज कल पूरा देश राममय है, रामभक्ति में सराबोर है, लेकिन प्रभु श्रीराम का जीवन विस्तार, उनकी प्रेरणा, आस्था भक्ति के दायरे से कहीं ज्यादा है।
पीएम मोदी ने मंगलवार को आंध्र प्रदेश के पलासमुद्रम में राष्ट्रीय सीमा शुल्क, अप्रत्यक्ष कर और नारकोटिक्स अकादमी का उद्घाटन किया है। यहां उन्होंने कहा कि प्रभु राम गवर्नेस के, सामाजिक जीवन में सुशासन के ऐसे प्रतीक हैं, जो आपके संस्थान के लिए भी बहुत बड़ी प्रेरणा बन सकते हैं।
उन्होंने कहा कि, यहां आने से पहले पवित्र लेपाक्षी में वीरभद्र मंदिर जाने का सौभाग्य मिला है, मंदिर में मुझे रंगनाथ रामायण सुनने का अवसर मिला, मैंने वहां भजन कीर्तन में भी हिस्सा लिया। मान्यता है कि यहीं पास में भगवान श्रीराम का जटायु से संवाद हुआ था।
आप जानते हैं, अयोध्या में प्राण-प्रतिष्ठा से पूर्व मेरा 11 दिन का अनुष्ठान चल रहा है। ऐसी पुण्य अवधि में यहां ईश्वर से साक्षात आशीर्वाद पाकर मैं धन्य हो गया।
पीएम मोदी ने कहा कि, बीते 10 वर्षों में लगभग 10 करोड़ फर्जी नामों को हमने कागजों से बाहर किया है। हमारी योजनाओं के केंद्र में वही लोग सर्वोपरि रहे हैं, जो वंचित थे, शोषित थे, समाज के अंतिम पायदान पर खड़े थे।
आज दिल्ली से निकला एक-एक पैसा उस लाभार्थी के बैंक खाते में पहुंचता है, जो इसका हकदार हैलोगों से एकत्र कर को सामाजिक कल्याण पर खर्च किया जाना चाहिए। इसी भावना को कायम रखते हुए हम पिछले 9 वर्षों में कर ढांचे में बड़े सुधार लाये हैं।
परिणामस्वरूप, भारत अब उच्च कर संग्रह दर्ज करता है और इस पैसे से हम विभिन्न पहलों के माध्यम से लोगों की सेवा करते हैं। नीति आयोग की ताजा रिपोर्ट के मुताबिक हमारी सरकार के पिछले 9 वर्षों के दौरान करीब 25 करोड़ लोग गरीबी से बाहर निकले हैं।
प्रधानमंत्री ने कहा कि, इस संग्रह को राज्य के खजाने में रखा जाता है और विभिन्न पहलों के रूप में लोगों को लौटाया जाता है।
पीएम मोदी ने कहा कि 2014 में 2 लाख तक की आय कर मुक्त थी। हमने इसे बढ़ाकर 7 लाख कर दिया। 2014 के बाद से हमारी सरकार ने जो कर में छूट दी और सुधार किए उसके कारण करीब ढाई लाख रुपए टैक्स की बचत जनता को हुई है।
बीते वर्षों में कर देने वालों की संख्या लगातार बढ़ रही है। उन्होंने कहा कि, हमने जो जनता से लिया उसे जनता के चरणों में समर्पित कर दिया, यही राम राज्य का संदेश है।
पीएम मोदी ने कहा कि, जिस देश में दशकों तक गरीबी हटाओ के नारे दिए जाते रहे, उस देश में सिर्फ 9 वर्ष में 25 करोड़ लोगों का गरीबी से बाहर निकलना ऐतिहासिक है। हमें कर संग्रह के रूप में एकत्रित धन का उपयोग समाज कल्याण के लिए करना चाहिए।
उन्होंने कहा कि, भारत में एक जटिल कर संरचना हुआ करती थी। जीएसटी के साथ, हमने पारदर्शिता लाते हुए देश को एक अनूठी कराधान प्रणाली प्रदान की। हमने फेसलेस टैक्स असेसमेंट सिस्टम शुरू किया। इन सभी प्रयासों से कर संग्रहण में अभूतपूर्व वृद्धि हुई है।
पिछले 10 वर्षों में गरीब, किसान, महिला व युवा... इन सबको हमने सशक्त किया है। हमारी योजनाओं के केंद्र में वही लोग सर्वोपरि रहे हैं, जो वंचित थे, शोषित थे, समाज के अंतिम पायदान पर खड़े थे।अतीत में हमारे यहां प्रोजेक्ट्स को अटकाने, लटकाने और भटकाने की प्रवृत्ति रही है, जिस कारण से देश को बहुत नुकसान हुआ है।
बीते 10 वर्षों में हमारी सरकार ने लागत का ध्यान रखा है और योजनाओं को समय पर पूरा करने पर जोर दिया है एनएसीआईएन को भारत को व्यापार और वाणिज्य के लिए एक आधुनिक पारिस्थितिकी तंत्र प्रदान करना चाहिए।
इसे भारत को वैश्विक व्यापार के लिए एक महत्वपूर्ण भागीदार बनाने और कर, सीमा शुल्क और नशीले पदार्थों के माध्यम से व्यापार करने में आसानी को बढ़ावा देने के लिए एक अनुकूल वातावरण बनाना चाहिए
22 जनवरी को राम मंदिर में होगी प्राण प्रतिष्ठा
अयोध्या के राम मंदिर में 22 जनवरी को प्राण प्रतिष्ठा होगी। इसको लेकर होने वाले समारोह में देश भर से साधु संत और आमंत्रित अन्य लोग शामिल होंगे। राम मंदिर का निर्माण भाजपा का काफी पुराना वादा रहा है। अब जब इसका निर्माण हो चुका है और 22 जनवरी को प्राण प्रतिष्ठा होने जा रही है तो भाजपा को उम्मीद है कि इसका लाभ उसे आगामी लोकसभा चुनाव में होगा। 22 जनवरी को होने वाले प्राण प्रतिष्ठा समारोह में कांग्रेस समेत कई विपक्षी दलों के नेताओं को आमंत्रित किया गया था लेकिन कांग्रेस के शीर्ष नेताओं ने इस दिन समारोह में जाने से इंकार कर दिया है। कांग्रेस नेताओं का कहना है कि यह समारोह भाजपा-आरएसएस का समारोह है।
कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने मंगलवार को नागालैंड में कहा है कि 22 जनवरी का कार्यक्रम एक राजनीतिक कार्यक्रम बन गया है। उनका इशारा अयोध्या में राम मंदिर के प्राण प्रतिष्ठा समारोह को लेकर था।
उन्होंने कहा कि हिंदू धर्म के जो लीडर-ऑथारिटी हैं, उन्होंने कहा है कि वो इस राजनीतिक कार्यक्रम में नहीं जा पाएंगे। आरएसएस-भाजपा ने 22 जनवरी के कार्यक्रम को चुनावी कलेवर दे दिया है, इसलिए कांग्रेस अध्यक्ष जी ने वहां जाने से इंकार किया था।
राहुल गांधी ने नागालैंड में मीडिया से बात करते हुए कहा कि, जहां तक धर्म की बात है, हम सभी धर्मों के साथ हैं। हम ये कहना चाहते हैं कि कांग्रेस पार्टी से जो भी जाना चाहे, वो जा सकता है।
जो सचमुच धर्म को मानते हैं, वो धर्म के साथ 'पर्सनल रिश्ता' रखते हैं। वे अपने जीवन में धर्म का प्रयोग करते हैं। जो धर्म के साथ 'पब्लिक रिश्ता' रखते हैं, वो धर्म का फायदा उठाने की कोशिश करते हैं।
उन्होंने कहा कि, मैं अपने धर्म का फायदा उठाने की कोशिश नहीं करता हूं, मैं अपने धर्म के सिद्धांतों पर जिंदगी जीने की कोशिश करता हूं। इसलिए मैं लोगों की इज्जत करता हूं, अहंकार से नहीं बोलता, नफरत नहीं फैलाता। ये मेरे लिए हिंदू धर्म है।
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