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फाइल फोटो

भाजपा को अब आंध्र प्रदेश में लगा बड़ा झटका, सहयोगी पार्टी ने तोड़ा नाता 

आंध्र प्रदेश में अगले वर्ष विधानसभा चुनाव होने हैं और एनडीए वहां खुद को मजबूत करने की कोशिशों में लगा है। इस बीच भाजपा और एनडीए को बड़ा झटका लगा है। वहां की स्थानीय जनसेना पार्टी ने एनडीए से खुद को अलग करने का फैसला किया है। 
अभिनेता से नेता बनने वाले इस पार्टी के नेता पवन कल्याण ने गुरुवार को इसकी घोषणा कर दी है। पवन कल्याण ने पूर्व मुख्यमंत्री चंद्रबाबू नायडू की पार्टी तेलुगू देशम पार्टी का समर्थन करने की घोषणा की है। उन्होंने चंद्रबाबू नायडू की गिरफ्तारी का भी विरोध किया था। 
तभी से अनुमान लगाया जा रहा था कि वह भाजपा से अलग हो सकते हैं।  
आंध्रप्रदेश में अगले वर्ष ही चुनाव होने है, ऐसे में राजनीतिक विश्लेषक मान रहे हैं कि इस गठबंधन के टूटने से भाजपा को बड़ा नुकसान होगा। राज्य में पार्टी को मजबूत करने की कोशिशों को धक्का लगा है। भले ही भाजपा अभी आंध्रप्रदेश में इस स्थिति में नहीं है कि उसकी वहां निकट भविष्य में सरकार बनने की कोई उम्मीद हो लेकिन पार्टी यहां खुद को मजबूत करने की कोशिश कर रही है। 
भाजपा की फिलहाल कोशिश है कि वही आंध्रप्रदेश में कुछ सीटें जीत कर अपनी उपस्थिति दर्ज करवा सके। सितंबर में तमिलनाडु और अक्टूबर में आंध्रप्रदेश में उसके सहयोगी दल उससे अलग हो चुके हैं। इससे माना जा रहा है कि दक्षिण भारत में पार्टी लगातार कमजोर हो रही है। दक्षिण में उसका घटता जनाधार ही था कि कर्नाटक में उसकी बड़ी हार इस वर्ष विधानसभा में हुई थी और कांग्रेस की सरकार भारी बहुमत से बन गई। 
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2020 में भाजपा और जनसेना का हुआ था गठबंधन 

आंध्रप्रदेश में पवन कल्याण की जनसेना पार्टी और भाजपा दोनों ही कम जनाधार वाली पार्टी है। दोनों को ही अपना जनाधार बढ़ाने के लिए संघर्ष करना पड़ रहा है। ऐसे में जनवरी 2020 में जनसेना और भाजपा ने हाथ मिलाया था।दोनों पार्टियों ने तब सहमति जताई थी कि वे दोनों स्थानीय चुनाव और 2024 में होने वाले विधानसभा और लोकसभा चुनाव साथ मिलकर लड़ेंगी।
 इस बीच 2023 हुए कई घटनाक्रमों के कारण जनसेना पार्टी चंद्रबाबू नायडू की तेलगू देशम पार्टी के करीब जाने लगी। भाजपा और जनसेना के बीच दूरिया आने लगी। यह दूरी तब और बढ़ी जब चंद्रबाबू नायडू को गिरफ्तार किया गया। 
पिछले दिनों जनसेना के नेता पवन कल्याण ने तेलगू देशम पार्टी के साथ गठबंधन की घोषणा भी कर दी। तेलगू देशम पार्टी या टीडीपी एनडीए गठबंध में नहीं है, ऐसे में माना जा रहा था कि जनसेना पार्टी भाजपा और एनडीए गठबंधन से अलग हो सकती है, अब अचानक पवन कल्याण ने एनडीए से किनारा कर लिया है। वह खुलकर  तेलगू देशम पार्टी और चंद्रबाबू नायडू का समर्थन कर रहे हैं।  
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पिछले महीने ही तमिलनाडु में एआईएडीएमके हुई अलग

दक्षिण भारत के एक और राज्य तमिलनाडु में भी पिछले 18 सितंबर को भाजपा को बड़ा झटका तब लगा था जब उसकी गठबंधन सहयोगी  एआईएडीएमके ने भाजपा से अलग होने की घोषणा कर दी थी। अब तमिलनाडु में एआईएडीएमके और भाजपा का गठबंधन खत्म हो चुका है। 
18 सितंबर को इसकी पुष्टि करते हुए एआईएडीएमके के वरिष्ठ नेता डी जयकुमार ने कहा था कि तमिलनाडु में अब उनकी पार्टी और भाजपा के रास्ते अलग हो चुके हैं।उन्होंने कहा था कि किसी तरह के गठबंधन के बारे में अब हमारी पार्टी 2024 के लोकसभा चुनाव के दौरान ही फैसला करेगी। उन्होंने साफ किया है कि यह उनके विचार नहीं हैं बल्कि यह पार्टी का फैसला  है। उन्होंने जानकारी दी थी कि तमिलनाडु में फिलहाल उनकी पार्टी का भाजपा के साथ कोई गठबंधन नहीं है।
उस समय एनडीटीवी की एक रिपोर्ट के मुताबिक एआईएडीएमके के वरिष्ठ नेता डी जयकुमार ने कहा था  कि तमिलनाडु में भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष अन्नामलाई कुप्पुसामी एआईएडीएमकेके साथ गठबंधन की इच्छा नहीं रखते हैं, हालांकि भाजपा कार्यकर्ता गठबंधन चाहते हैं।  भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष अन्नामलाई लगातार हमारे नेताओं के खिलाफ बयान दे रहे हैं। वह भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष बनने योग्य नहीं हैं। 
उन्होंने सवाल उठाया कि क्या हमें अपने नेताओं की इतनी आलोचना बर्दाश्त करनी चाहिए? कहा कि हम और अपने नेताओं की लगातार आलोचना बर्दाश्त नहीं कर सकते हैं। कहा कि हमारे बिना भाजपा यहां पैर नहीं रख सकती। भाजपा का वोट बैंक कितना है यह हमें पता है।
 18 सितंबर को उन्होंने कहा था कि अन्नामलाई पहले ही हमारी नेता जयललिता की आलोचना कर चुके हैं। उस समय हमने अन्नामलाई के खिलाफ प्रस्ताव पारित किया था। उन्हें इस तरह की आलोचनाओं को रोकना चाहिए था। वह अन्ना, पेरियार और महासचिव की आलोचना कर रहे हैं। कोई भी कैडर इसे स्वीकार नहीं करेगा। उन्होंने कहा कि कल को हमें भी चुनावी मैदान में काम करना है इसलिए बिना किसी विकल्प के हमने भाजपा से अलग होने की घोषणा कर दी है। 
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क़मर वहीद नक़वी
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