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जगन रेड्डी के चाचा की हत्या से आंध्र में राजनीतिक बवाल 

वाईएसआर कांग्रेस पार्टी के नेता और पूर्व मंत्री वाई.एस. विवेकानंद रेड्डी की हत्या से आंध्र प्रदेश में सनसनी फ़ैल गई है। पोस्टमार्टम के बाद पुलिस ने हत्या की पुष्टि कर दी। इसके बाद वाईएसआर कांग्रेस और तेलुगु देशम पार्टी के नेताओं के बीच गंभीर आरोपों-प्रत्यारोपों का सिलसिला शुरू हो गया है, नया राजनीतिक बवाल मच गया है।
आंध्र प्रदेश में 11 अप्रैल, 2019 को विधानसभा की सभी 175 सीटों और 25 लोकसभा सीटों पर मतदान होना है। चुनाव से 27 दिन पहले विपक्ष के एक बड़े नेता की हत्या से राजनीतिक माहौल काफी गरमा गया है। कुछ ही महीनों पहले विशाखापत्तनम हवाईअड्डे पर विपक्ष के नेता और वाईएसआर कांग्रेस के मुखिया जगन मोहन रेड्डी पर हमला हुआ था। वह हमले में बाल-बाल बच गये थे। इस मामले की जांच राष्ट्रीय जांच एजेंसी कर रही है। 
Andhra political storm over Jaganmohan uncle Vivekananada murder - Satya Hindi
विवेकानंद रेड्डी (फ़ाइल फ़ोटो)
विवेकानंद रेड्डी की हत्या से सत्ताधारी पार्टी तेलुगु देशम पर हमले तेज़ हो गये हैं। विवेकानंद रेड्डी की हत्या को वाईएसआर कांग्रेस पार्टी के कुछ नेता राजनीतिक हत्या क़रार दे रहे हैं और सीधे तेलुगु देशम पार्टी के कुछ नेताओं पर हत्या की साजिश रचने का आरोप लगा रहे हैं। पार्टी के अध्यक्ष जगन मोहन रेड्डी ने इस सारे मामले की सीबीआई से जांच करवाने की मांग की है।

टीडीपी का पलटवार

दूसरी तरफ़ तेलुगु देशम के नेताओं का आरोप है कि परिवार में उभरे मतभेदों के कारण हत्या हुई और मामले से ध्यान भटकाने के मक़सद से वाईएसआर कांग्रेस पार्टी के नेता तेलुगु देशम के नेताओं पर आरोप लगा रहे हैं। तेलुगु देशम के कुछ नेताओं का आरोप है कि विवेकानंद रेड्डी कडपा लोकसभा सीट के लिए टिकट मांग रहे थे और जगन उन्हें टिकट देने से इनकार कर रहे थे। जगन अपने रिश्तेदार अविनाश रेड्डी को टिकट देने के पक्ष में हैं। 2014 में अविनाश ने ही कडपा से चुनाव लड़ा था और जीत हासिल की थी। तेलुगु देशम के इन्हीं नेताओं का आरोप है कि टिकट को लेकर ही दोनों के बीच मतभेद उभरे थे। 
तेलुगु देशम पार्टी के नेताओं का आरोप है कि टिकट को लेकर विवेकानंद रेड्डी और जगन मोहन रेड्डी के बीच मतभेद उभरे थे। मुख्यमंत्री चंद्रबाबू नायडू ने मामले की जांच के लिए स्पेशल इन्वेस्टगेटिंग टीम का गठन कर दिया है।
ग़ौरतलब है कि विवेकानंद रेड्डी, पूर्व मुख्यमंत्री दिवंगत राजशेखर रेड्डी के छोटे भाई और वाईएसआर कांग्रेस पार्टी के अध्यक्ष जगन मोहन रेड्डी के चाचा हैं। विवेकानंद रेड्डी कई सालों से राजनीति में सक्रिय रहे। वह लम्बे समय तक विधायक और सांसद भी रहे। वह आंध्रप्रदेश सरकार में मंत्री भी थे। जब राजशेखर रेड्डी कडपा से सांसद होते, तब विवेकानंद रेड्डी पुलिवेंदुला से विधायक होते। जब राजशेखर रेड्डी पुलिवेंदुला से विधायक होते तब विवेकानंद रेड्डी कडपा से सांसद। यह क्रम 2009 तक चला।

अलग-अलग दलों में चाचा-भतीजा

साल 2009 में विवेकानंद की जगह जगन मोहन रेड्डी ने ली। सितम्बर, 2009 में  राजशेखर रेड्डी की मृत्यु के बाद उनके बेटे जगन मोहन रेड्डी ने कांग्रेस से नाता तोड़ लिया और अपनी पार्टी बना ली थी। शुरू में विवेकानंद रेड्डी, जगन की पार्टी में शामिल नहीं हुए। वह कांग्रेस में बने रहे। उन्हें किरण कुमार रेड्डी के मंत्रिमंडल में भी शामिल किया गया। 
राजशेखर रेड्डी की मृत्यु से खाली हुई पुलिवेंदुला विधानसभा सीट के लिए हुए उपचुनाव में विवेकानंद रेड्डी ने कांग्रेस के टिकट पर अपनी भाभी और वाईएसआर की पत्नी विजयम्मा के ख़िलाफ़ चुनाव लड़ा और हार गये। लेकिन बाद में उन्होंने कांग्रेस छोड़ दी और अपने भतीजे जगन मोहन रेड्डी की पार्टी में शामिल हो गये।

गुरूवार रात तक उन्होंने कडपा जिले में वाईएसआर कांग्रेस पार्टी के लिए प्रचार किया। लेकिन सुबह संदेहास्पद स्थिति में उनका शव उनके घर पर मिला। शव खून से लथपथ था और शरीर पर गहरे ज़ख्म ने निशान थे। उनके निजी सचिव ने पुलिस में सूचना दी, जिसके बाद पुलिस ने मामला दर्ज कर शव को पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया।

हत्या के बाद तनाव

विवेकानंद रेड्डी अक्सर लोगों के बीच में रहते थे और एक राजनेता के रूप में काफी सक्रिय भी थे। वह मृदु भाषी थे और उनके बारे में कहा जाता था कि किसी से उनकी दुश्मनी नहीं थी। ऐसे में उनकी हत्या किसने की और किस वजह से की, यही सबसे बड़ा सवाल बनकर उभरा है। लेकिन हत्या ने राजनीतिक तूफ़ान खड़ा कर दिया है। आंध्रप्रदेश में कई जगह तनाव की स्थिति है। कई जगह पुलिस को तैनात किया गया है। संवेदनशील इलाकों में बड़ी संख्या में अतिरिक्त पुलिस बल की तैनाती की गयी है। 
पुलिस सूत्रों ने बताया कि तेलुगु देशम के कुछ नेताओं की सुरक्षा बढ़ा दी गयी है। जगन मोहन रेड्डी ने अपनी पार्टी के नेताओं और कार्यकर्ताओं से भावनाओं को काबू में रखने और शांति बनाये रखने की अपील की है। साथ ही उन्होंने यह आरोप भी लगाया कि 1998 में उनके दादा राजा रेड्डी की हत्या इस वजह से की गयी थी क्योंकि तेलुगु देशम तब विपक्ष के नेता राजशेखर रेड्डी को कडपा ज़िले तक सीमित रखना चाहती थी। जगन ने उनके पिता और पूर्व मुख्यमंत्री राजशेखर रेड्डी की हेलीकॉप्टर दुर्घटना में मौत को लेकर भी आज सवाल खड़े किये। इस वातावरण में तनाव बढ़ना स्वाभाविक है। अगले चुनाव के नतीजों पर इसका असर पड़ने की संभावना से इनकार नहीं गिया जा सकता है।
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अरविंद यादव
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