आयरलैंड और जर्मनी की ग़ैर-सरकारी संस्था 'कंसर्न वर्ल्ड वाइड एंड वेल्ट हंगर हिल्फ़' द्वारा वैश्विक स्तर पर भूखमरी को मापने वाली 2022 की रिपोर्ट 'ग्लोबल हंगर इंडेक्स 2022' पिछले दिनों जारी की गयी। इस अनुक्रमणिका में कुल 121 देशों को शामिल किया गया है। बड़े आश्चर्य की बात है कि ब्लूमबर्ग के आँकड़ों के अनुसार, जो भारत सकल घरेलू उत्पाद अर्थात (जीडीपी) के मामले में ब्रिटेन को पीछे छोड़ता हुआ विश्व की पाँचवीं सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था बन चुका है, और अब चीन को पीछे छोड़ने की दिशा में अग्रसर है, वही भारत ग्लोबल हंगर इंडेक्स यानी (GHI) की रिपोर्ट के अनुसार 107वें नंबर पर है? यानी इस रिपोर्ट के मुताबिक़ 'भारत के 22.4 करोड़ लोगों को कुपोषित माना गया है।
भूखे पेट भजन कराने की कोशिश
- विश्लेषण
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- 20 Oct, 2022

विश्व भूख सूचकांक को आख़िर भारत ने किस आधार पर खारिज कर दिया? क्या भारत में गरीबी का स्तर उससे बेहतर है जो उस सूचकांक में दिखाया गया है?
अफ़ग़ानिस्तान इस सूची में 109वें स्थान पर है यानी भारत की स्थिति अफ़ग़ानिस्तान से केवल दो अंक बेहतर है अन्यथा अनुक्रमणिका में पाकिस्तान, बांग्लादेश, श्रीलंका और नेपाल जैसे पड़ोसी देशों की स्थिति भी भारत से बेहतर बताई गयी है। श्रीलंका को इस अनुक्रमणिका में 64वां स्थान हासिल है जबकि नेपाल 81वें स्थान पर और बांग्लादेश 84वें स्थान पर है। हद तो यह है कि पाकिस्तान जैसा महंगाई, बेरोज़गारी, अस्थिरता, बाढ़ आदि समस्याओं से बुरी तरह जूझ रहा देश भी इस इंडेक्स में 99वें स्थान पर रहकर अपनी स्थिति भारत से बेहतर बनाये हुये है।