हाथरस गैंगरेप मामले में स्वत: संज्ञान लेते हुए इलाहाबाद हाईकोर्ट की लखनऊ बेंच ने ग़रीब व दलित होने की वजह से उनके अधिकारों को रौंदे जाने की जो आशंका जताई है, वह किस हद तक सही है? हाथरस मामले में पीड़िता के आरोपियों के समर्थन में क्षेत्र में सवर्ण समाज का एकजुट होना, पंचायत करना और निर्दोष बताना क्या बताता है? दो साल पहले जम्मू-कश्मीर में कठुआ गैंगरेप के आरोपियों के समर्थन में बीजेपी विधायक द्वारा रैली निकालना क्या संकेत देता है? हाथरस की पीड़िता दलित थी तो कठुआ की पीड़िता खानाबदोश बकरवाल समुदाय की थी और जो आरोपियों के समर्थन में उतरे वे ताक़तवर समझे जाने वाले सवर्ण समाज के।
हाथरस गैंगरेप: दलित पीड़िता के आरोपियों के समर्थन में क्यों उतरा सवर्ण समाज?
- विश्लेषण
- |
- |
- 3 Oct, 2020

हाथरस मामले में जहाँ पूरा देश न्याय माँग रहा है वहीं उस क्षेत्र का सवर्ण समाज आरोपियों के समर्थन में उतर आया है। परिवार की ओर से पुलिस पर कई आरोप लगाए गए। अभी भी आरोप लग रहे हैं कि परिवार पर दबाव डाला जा रहा है। क्या इससे यह नहीं लगता है कि प्रशासन ने इस मामले को दबाने की पूरी कवायद की है? दलित और ग़रीब परिवार के दबाव में पुलिस और प्रशासन कब से आने लगे!