क्या विश्वविद्यालयों में विरोध की आवाज़ और बोलने की आज़ादी स्वस्थ लोकतंत्र के लिए कभी ख़तरा हो सकता है? यदि इसमें किसी को ख़तरा महसूस हो तो वह शासन किस तरह का हो सकता है? इसका अंदाज़ा तो डोनाल्ड ट्रंप की ताज़ा धमकी और कोलंबिया विश्वविद्यालय की नीति में बदलाव से भी लगाया जा सकता है।