क्या विश्वविद्यालयों में विरोध की आवाज़ और बोलने की आज़ादी स्वस्थ लोकतंत्र के लिए कभी ख़तरा हो सकता है? यदि इसमें किसी को ख़तरा महसूस हो तो वह शासन किस तरह का हो सकता है? इसका अंदाज़ा तो डोनाल्ड ट्रंप की ताज़ा धमकी और कोलंबिया विश्वविद्यालय की नीति में बदलाव से भी लगाया जा सकता है।
यूनिवर्सिटी में 'विरोध की आवाज़' से किसे ख़तरा, ट्रंप की कोलंबिया विवि को धमकी?
- विश्लेषण
- |
- |
- 22 Mar, 2025
ट्रंप की धमकी के बाद कोलंबिया यूनिवर्सिटी ने नीति क्यों बदली? क्या भारत सहित दुनिया भर के विश्वविद्यालयों में विरोध की आवाज़ को कुचला जा रहा है? भारत के विश्वविद्यालयों ने अधिकार कैसे कम किया?

दरअसल, अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप की धमकी के बाद कोलंबिया यूनिवर्सिटी ने अपनी नीतियों में बड़े बदलाव की घोषणा की है। ट्रंप ने विश्वविद्यालयों को संघीय फंडिंग में कटौती की चेतावनी दी थी। इसके बाद कोलंबिया ने विरोध प्रदर्शनों पर सख्त नियम लागू करने, नए सुरक्षा कर्मियों की नियुक्ति करने और छात्रों के अधिकारों में कटौती करने का फ़ैसला किया। इस घटनाक्रम से सवाल उठता है कि क्या भारत सहित दुनिया भर के विश्वविद्यालयों में विरोध की आवाज़ को कुचलने की कोशिश हो रही है? और भारत में विश्वविद्यालयों ने अपने छात्रों और शिक्षकों के अधिकारों को कैसे सीमित किया है? लेकिन इसका जवाब ढूंढने से पहले यह जान लीजिए कि ट्रंप का यह फ़ैसला किस तरह का है।