2024 के लोकसभा चुनाव के चार चरण में 381 सीटों पर यानी दो तिहाई से अधिक सीटों मतदान हो चुका है। ज्यादातर चुनाव विश्लेषकों और पर्यवेक्षकों का मानना है कि इस चुनाव में मतदाता बहुत शांत हैं। यहां तक कि पार्टियों के कार्यकर्ता और समर्थक भी मुखर नहीं दिखाई दे रहे हैं। जबकि आमतौर पर भाजपा के समर्थक मुखर ही नहीं बल्कि विपक्षियों पर आक्रामक भी रहते हैं। यही कारण है कि जमीन पर रिपोर्टिंग करने वाले पत्रकार भी हैरान हैं। इन पत्रकारों का कहना है कि उन्होंने इतना खामोश चुनाव पहले कभी नहीं देखा। लेकिन उनका मानना है कि अंदर ही अंदर एक धारा है जो चुनाव को निर्णायक बना रही है। यह धारा क्या है? क्या इस धारा ने चुनाव को बदल दिया है?