हाल ही में दो हज़ार का नोट वापस लेने के फ़ैसले के बाद सोशल मीडिया पर प्रधानमंत्री मोदी की तुलना राजधानी दिल्ली को दौलताबाद ले जाकर वापस दिल्ली लाने वाले सुल्तान मोहम्मद बिन तुग़लक से करने की बाढ़ आ गयी थी। लेकिन पीएम मोदी जिस तरह विपक्ष के विरोध को दरकिनार करके राष्ट्रपति की जगह खुद संसद की नयी इमारत का उद्घाटन करने पर आमादा हैं, उससे फ्रांस के शासक लुई चौदहवें से तुलना करना ज़्यादा बेहतर होगा। अपने ‘दिव्य होने के आत्मविश्वास’ से भरा सम्राट लुई चतुर्दश ख़ुद को हर क़ानून से ऊपर मानता था। उसकी अहंकारभरी घोषणा इतिहास की किताबों में आज भी गूँज रही है-‘मैं ही राज्य हूँ!’
नयी संसदः लोकतंत्र की शीश-विहीन प्रतिमा स्थापित करेंगे मोदी!
- विश्लेषण
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- 29 Mar, 2025
नए संसद भवन के उद्घाटन समारोह में राष्ट्रपति को नहीं बुलाए जाने को लेकर विवाद बढ़ रहा है। पीएम मोदी विवाद के केंद्र में हैं। पत्रकार पंकज श्रीवास्तव के उद्गार सुनिएः
