चुनावी मौसम जैसे-जैसे समाप्ति की ओर बढ़ रहा है, वैसे-वैसे समाज को बांटने वाला प्रचार भी अपने चरम पर पहुँच रहा है. भाजपा के मुख्य प्रचारक स्वयं प्रधानमंत्री मोदी है. इस चुनाव में उनका पूरा नैरेटिव इस झूठ के आसपास बुना गया है कि अगर इंडिया गठबंधन सत्ता में आया तो वह सारी सुविधाएं और लाभ केवल मुसलमानों को देगा. हर चीज़ पर मुसलमानों का पहला हक होगा और संविधान में इस तरह के बदलाव किये जाएंगे जिससे हिन्दू इस देश के दूसरे दर्जे के नागरिक बन जाएंगे. मोदीजी हमें जॉर्ज ऑरवेल के उपन्यास “नाइनटीन एट्टी-फोर” की याद दिलाता है, जिसमें सच को सिर के बल खड़ा कर दिया जाता है. हिन्दुओं में यह डर पैदा किया जा रहा है कि देश में मुसलमान सारे विशेषाधिकार हासिल कर लेंगे.
क्या मुसलमानों की आबादी हिन्दुओं के लिए खतरा है?
- विश्लेषण
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- 18 May, 2024

मुसलमानों को टारगेट करते हुए पीएम मोदी के भाषणों पर देश-विदेश में बहस जारी है। लोकसभा चुनाव के दौरान प्रधानमंत्री की एक सलाहकार कमेटी ने मोदी के विचारों के मुताबिक एक रिपोर्ट जारी की, जिसमें दावा किया गया कि मुसलमानों की आबादी हिन्दुओं के मुकाबले तेजी से बढ़ रही है। ये वो तथ्यात्मक झूठ है, जिसके प्रचार में आरएसएस ने काफी नकारात्मक मेहनत की है। जाने माने लेखक और विचारक राम पुनियानी ने अपने इस लेख में इस झूठ का पर्दाफाश किया है। पढ़िए एक जरूरी लेखः