आजादी के बाद देश पर सर्वाधिक समय (लगभग 55साल) तक शासन करने वाली कांग्रेस पार्टी इस समय अपने अस्तित्व के संकट से जूझ रही है। पिछले दो लोकसभा चुनावों में दर्दनाक और ऐतिहासिक हार का सामना करने के साथ ही पिछले आठ साल के दौरान एक-एक करके वे सभी राज्य उसके हाथ से निकल चुके हैं जहां उसकी सरकारें थीं। इस समय जिन दो राज्यों में उसकी सरकारें हैं, उनकी आबादी देश की कुल आबादी का लगभग महज आठ फीसदी है। इस दारुण अवस्था में पहुंच जाने के बावजूद यह पार्टी अभी भी वक्ती तकाजे के मुताबिक अपने को बदलने के लिए तैयार नहीं है।