महाराष्ट्र एक बार फिर राजनीतिक अस्थिरता का सामना कर रहा है। उद्धव ठाकरे की अगुवाई में ढाई साल पुरानी महाविकास अघाड़ी सरकार एक बार फिर संकट में है। यह संकट दो तरफा है। एक ओर जहां मुख्य विपक्षी दल भारतीय जनता पार्टी और परोक्ष रूप से केंद्र सरकार सत्ताधारी गठबंधन को तोड़ने में लगी है, वहीं मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे की पार्टी शिवसेना में भी बड़े पैमाने पर विधायक बागी हो गए हैं, जिसके चलते संकट के बादल इतने गहरा गए हैं कि सरकार बचना लगभग असंभव हो गया है।

उद्धव ठाकरे सरकार पर ख़तरा क्यों मंडरा रहा है? इसके पीछे शिवसेना के बागी नेताओं का ही हाथ है या फिर बीजेपी और देवेंद्र फडणवीस का गेम प्लान है?
जहाँ तक भाजपा और केंद्र सरकार का सवाल है, उनकी ओर से उद्धव ठाकरे सरकार को अस्थिर करने की कोशिशें कोई नई बात नहीं है। जिस दिन से शिवसेना, राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (एनसीपी) और कांग्रेस के गठबंधन की यह सरकार अस्तित्व में आई है, उसी दिन से इस सरकार को गिराने के प्रयास शुरू हो गए थे। सूबे के पूर्व मुख्यमंत्री और भाजपा नेता देवेंद्र फडणवीस ने एक बार नहीं, कई बार यह बात दोहराई है कि जिस दिन हमें दिल्ली से इशारा मिल गया, उस दिन हम यह सरकार गिरा देंगे।