किसान फसलों के भूसे व अन्य अवशेषों को एकत्रित करने के लिए एक पंजेनुमा यंत्र का प्रयोग करते हैं। इसमें एक लाठी के आगे डेढ़-डेढ़ फुट लंबे पांच शूल लगे होते हैं। इसे पश्चिम उत्तर प्रदेश में 'जेली' कहते हैं।

यह यंत्र कृषि कार्य के अलावा वक्त पड़ने पर एक कारगर हथियार भी बन जाता है जो आत्मरक्षा या हमला करने के काम भी आता है। आज बीजेपी ने भी इसी प्रकार की एक जेली यानी 'पंचशूल' विकसित कर लिया है जिसका उपयोग वह अपने वोट बटोरने और विपक्षियों पर घातक राजनैतिक हमला करने में कर रही है। किसानों की जेली के पांचों शूल तो दिखाई देते हैं परंतु बीजेपी की जेली के केवल तीन शूल दिखाई देते हैं, दो अदृश्य हैं।