किसान फसलों के भूसे व अन्य अवशेषों को एकत्रित करने के लिए एक पंजेनुमा यंत्र का प्रयोग करते हैं। इसमें एक लाठी के आगे डेढ़-डेढ़ फुट लंबे पांच शूल लगे होते हैं। इसे पश्चिम उत्तर प्रदेश में 'जेली' कहते हैं।
यह यंत्र कृषि कार्य के अलावा वक्त पड़ने पर एक कारगर हथियार भी बन जाता है जो आत्मरक्षा या हमला करने के काम भी आता है। आज बीजेपी ने भी इसी प्रकार की एक जेली यानी 'पंचशूल' विकसित कर लिया है जिसका उपयोग वह अपने वोट बटोरने और विपक्षियों पर घातक राजनैतिक हमला करने में कर रही है। किसानों की जेली के पांचों शूल तो दिखाई देते हैं परंतु बीजेपी की जेली के केवल तीन शूल दिखाई देते हैं, दो अदृश्य हैं।
'बीजेपी के 'पंचशूल' से धराशायी विपक्ष'
- विश्लेषण
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- 19 Apr, 2022

बीजेपी ने बीते महीने आए चुनाव नतीजों में विपक्ष को एक बार फिर मात दी है। ऐसे कौन से पांच हथियार हैं जिनसे बीजेपी विपक्ष को शिकस्त देने में बीते कई सालों से कामयाब हो रही है। जानिए इन हथियारों के बारे में।
'राष्ट्रवाद'
इसका पहला शूल है 'राष्ट्रवाद' जिसके सामने कोई विपक्षी टिक नहीं सकता। इसका उपयोग जनता में राष्ट्रीयता की भावनाओं को जागृत कर अपने पक्ष में जनसमर्थन व वोटों का प्रवाह मोड़ने की रणनीति काम करती है। इसका ऐसा प्रचार किया जाता है कि पाकिस्तान के दो टुकड़े करने वाली कांग्रेस और उसके नेता तो राष्ट्रवाद के पैमाने पर खलनायक नज़र आते हैं और चीन के हाथों ज़मीन गवाने वाली बीजेपी की सरकार परम राष्ट्रवादी लगने लगती है। बीजेपी या उसकी सरकारों का विरोध करने वाले विपक्षियों को देशद्रोही घोषित कर दिया जाता है। सच्चाई चाहे जो हो परन्तु देशद्रोह का आरोप चस्पा होने पर इसे हटा पाना लगभग असंभव होता है। एक धर्म विशेष पर तो यह ऐसा चिपकता है कि बहुसंख्यक समुदाय अपनी सारी समस्याओं को भूलकर बीजेपी के पीछे लग जाता है। इस छद्म राष्ट्रवाद की कोई काट अभी तक विपक्ष ढूंढ नहीं पाया है।