“बांग्लादेश में हिंदू सुरक्षित हैं। अगर भारतीयों को शेख़ हसीना से इतना ही प्यार है तो उन्हें मोदी को हटाकर शेख़ हसीना को अपना प्रधानमंत्री बना लेना चाहिए। रिपब्लिक टीवी बांग्लादेश की के राजनीतिक घटनाक्रम का इस्तेमाल भारत में सांप्रदायिक घृणा फैलाने के लिए कर रहा है,” - बांग्लादेश के जातीय हिंदू महाजोट के महासचिव एडवोकेट गोबिंद चंद्र प्रामाणिक का ये बयान 6 अगस्त को दोपहर बाद एक्स समेत तमाम सोशल मीडिया प्लेटफ़ार्म पर वायरल था। यह बताता है कि भारतीय न्यूज़ चैनलों में बांग्लादेश में तख़्तापलट और प्रधानमंत्री शेख़ हसीना के बांग्लादेश छोड़ने के बाद किस तरह की रिपोर्टिंग की और उसका क्या प्रभाव वहाँ के अल्पसंख्यकों पर पड़ा है।
बांग्लादेश की ‘आग’ में जलें या सबक़ लें, मर्ज़ी आपकी, भारत भी है आपका!
- विश्लेषण
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- 29 Mar, 2025
भारत के कट्टरपंथी टीवी चैनल और अन्य मीडिया किसी तरह का सबक सीखने को तैयार नहीं है। बांग्लादेश में हिंसा के बाद बड़े पैमाने पर वहां मुस्लिम युवक मंदिरों की सुरक्षा कर रहे हैं। अतंरराष्ट्रीय मीडिया ने भी इसकी रिपोर्टिंग की है। लेकिन आपदा में अवसर की तलाश करने वाले टीवी चैनल हिन्दू भावनाओं को भारत में भड़का रहे हैं। ग्लादेश में जब शांति लौटेगी तो सारा दूध का दूध और पानी का पानी हो जाएगा। लेकिन यह स्थिति उस जनता के लिए खतरनाक है जो इन कट्टरपंथी चैनलों पर यकीन करती है। वरिष्ठ पत्रकार पंकज श्रीवास्तव का विश्लेषण पढ़िए और सच्चाई जानिएः
