भारत में मजदूरों का माइग्रेशन (प्रवास) कोई नई प्रक्रिया नहीं है। लेकिन उत्तर प्रदेश और बिहार में प्रवासियों के वापस लौटने से नई समस्या पैदा होगी। सरकार के पास योजना है?
लॉकडाउन की मार शहरों और गाँवों, दोनों पर पड़ी है। इसका असर कृषि कार्यों पर भी हुआ है और ग़ैर कृषि कार्यों पर भी। लाखों लोगों को इस वजह से बेरोज़गार होना पड़ा है।
लॉकडाउन और काम-धंधों के बंद होने से अन्य प्रदेशों से लौटकर आने वाले प्रवासी श्रमिकों और छात्रों के क्वॉरंटीन की समुचित व्यवस्था करना और उनका कोरोना जाँच करवाना भी बिहार के लिए एक बड़ी समस्या है।
केंद्र और राज्य सरकारें यह दावा कर रही हैं कि इन मज़दूरों को खाने के सामान उपलब्ध कराये जा रहे हैं पर तमाम राज्यों और शहरों से गाँवों की तरफ़ सड़कों पर उमड़ती भीड़ इन दावों की सच्चाई पर गंभीर सवाल खड़ा करती हैं।